रूह कंपाने वाली यातनाएं, प्राइवेट पार्ट में डालते थे टूथपेस्ट का खाली पाउच!(Pics)

Saturday, Jun 25, 2016 - 06:39 PM (IST)

ग्वालियर: मध्य प्रदेश में नशामुक्ति केंद्र पर शुक्रवार को पुलिस और जिला प्रशासन की टीम ने जब छापा मारा तो जो सच सामने आया वह काफी हैरान करने वाला था। जानकारी के मुताबिक, कलेक्टर डॉ. संजय गोयल को शिकायत मिली थी कि सागरताल रोड पर अवैध रूप से सोहम नशा मुक्ति केंद्र चलाया जा रहा है। इस नशामुक्ति केंद्र को गाजियाबाद का राहुल चौधरी और कपिल गर्ग चलाते हैं। कार्रवाई के दौरान यहां से 53 युवकों को छुड़ाया गया और पता चला कि इन लोगों को इलाज के नाम पर रूह कंपाने वाली यातनाएं दी जा रही थीं।

ऐसी यातना सुनकर कांप जाए रूह
इन युवकों ने बताया कि इन्हें कभी रस्सी से बांधकर लटकाया जाता था, तो कभी टॉयलेट में खाना खाने को मजबूर किया जाता था। केंद्र के संचालक उन्हें नशा छुड़वाने के नाम पर मारपीट करते थे। मुक्त हुए युवाओं के शरीर पर चोट के निशान इसे बात को साबित करते हैं। बिना रजिस्ट्रेशन के चल रहे इस सेंटर पर 2 साल से नशा मुक्ति के नाम पर ज्यादती हो रही थी, जिसकी पुलिस व प्रशासन को भनक तक नहीं थी। यहां इलाज करा रहे युवकों को उनके परिवार से भी मिलने की इजाजत नहीं थी। बस उनके परिवार से 10 हजार रुपए महीना और दवा के पैसे लिए जाते थे।

रात भर लटकाकर मारते थे
युवकों के मुताबिक, केंद्र के संचालक उनसे टॉयलेट के पॉट में लगी गंदगी को नाखूनों से खुरचवाकर साफ करवाते थे। उन्हें रस्सी बांधकर रात भर लटकाकर मारते थे और हर दिन खाना भी नहीं देते थे। कुछ युवकों के नाजुक अंग में टूथ पेस्ट का खाली पाउच तक डाल दिया जाता था। इस पूरे मामले पर प्रशासन ने कहा है कि नशा मुक्ति केंद्र के संचालक राहुल चौधरी और कपिल गर्ग के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

पुलिस कर रही जांच
सोहम नशा मुक्ति केंद्र के संचालकों पर हत्या का भी आरोप लगा है। झांसी से यहां इलाज करवाने आएं सचिन पाठक की 12 अप्रैल को मौत हो गई। केंद्र के संचालक पुलिस को बताए बिना शव झांसी छोड़ आए थे। सचिन के शव पर चोट के निशान देख परिजनों ने हत्या का आरोप लगाते हुए झांसी पुलिस को मामले की सूचना दी थी। इसके बाद पुलिस ने संचालकों को हिरासत में लिया था। फिलहाल मामले की जांच चल रही है।

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