कभी स्कूल में थीं टीचर, अब कश्मीर की वादियों में हैलीकॉप्टर उड़ा रही 2 बच्चों की मां
Thursday, Oct 10, 2019 - 08:45 AM (IST)
श्रीनगर: आमतौर पर यह देखा जाता है कि महिलाएं मां बनने के बाद नौकरी छोड़ देती हैं। हालांकि हरियाणा के महेंद्रगढ़ जिले के रसूलपुर गांव की सुनीता कुमारी ने इस धारणा को खारिज किया है। सुनीता इन दिनों कश्मीर में सुरक्षा बलों का हैलीकॉप्टर उड़ा रही हैं। इसके लिए उन्होंने बाकायदा विदेश में ट्रेनिंग भी ली है। 2 बच्चों की मां सुनीता जम्मू-कश्मीर में छह सीटर पवन हंस हैलीकॉप्टर की पायलट हैं। इस हैलीकॉप्टर में वह सी.आर.पी.एफ और जम्मू-कश्मीर पुलिस के अधिकारियों के साथ-साथ मैडीकल एमरजैंसी के दौरान आम नागरिकों की भी मदद करती हैं। 5 अगस्त को अनुच्छेद-370 खत्म किए जाने के बाद से ही सुनीता जम्मू-कश्मीर में काम कर रही हैं।
शादी के 10 साल बाद ली पायलट की ट्रेनिंग
अपने बारे में सुनीता कहती हैं कि 2 दशक पहले वह स्कूल में साइंस की टीचर थीं। शादी के 10 साल बाद मैंने पायलट की ट्रेनिंग लेने का फैसला किया और भारत में ही नौकरी ढूंढी। अब मैं देश की सबसे बेहतर हैलीकॉप्टर सेवा के लिए काम करती हूं और फिलहाल कश्मीर में सक्रिय हूं। सुनीता मानती हैं कि कश्मीर में हैलीकॉप्टर उड़ाना चुनौती का काम है, लेकिन वह कहती हैं कि जब माऊंट एवरैेस्ट पर हैलीकॉप्टर उतर सकता है तो कुछ भी मुश्किल नहीं है। वह कहती हैं कि मैं अपने जीवन में कठिन काम करना चाहती हूं। मैं हरियाणा की लड़कियों व महिलाओं को प्रेरित करना चाहती हूं कि किसी भी महिला को किसी भी नौकरी में खुद को असहाय महसूस नहीं करना चाहिए।
कश्मीर के संवेदनशील इलाकों में उड़ाया हैलीकॉप्टर
सुनीता जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा, हंदवाड़ा और बारामूला जैसे संवेदनशील इलाकों में भी लैंड कर चुकी हैं। इसके अलावा वह कोकरनाग, अनंतनाग, बालटाल और पहलगाम से भी लोगों को ला चुकी हैं। फिलहाल वह डबल इंजन वाले हैलीकॉप्टर को सहयोगी पायलट के साथ उड़ाती हैं, लेकिन उनका कहना है कि जल्द ही वह अकेले भी उड़ान भरने लगेंगी। पिछले 2 महीने में उन्होंने अपने परिवार को बहुत याद किया है। वह कहती हैं कि मुझे खुशी है कि मैं उस पिता की बेटी हूं, जिसने एल.ओ.सी. पर काफी दिन तक काम किया। मैं भी उन्हीं के पदचिन्हों पर चली और मेरी बेटियां भी इसी रास्ते पर हैं।