कश्मीर का सबसे बड़ा मारा गया आतंकी: 50 हत्याएं, दस लाख का इनाम था सिर पर

Wednesday, Sep 27, 2017 - 05:10 PM (IST)

श्रीनगर : घाटी के सबसे दुर्दांत हिजबुल के टाप कमांडर आतंकी अब्दुल कयूम नजर उर्फ  जानसाहिब उर्फ  इशफाक को सुरक्षाबलों ने उत्तरी कश्मीर में एलओसी पर उड़ी सेक्टर में मुठभेड़ में मार गिराया। वह पाकिस्तान से इस ओर घुसपैठ की कोशिश कर रहा था। एसएसपी बारामुला इम्तियाज हुसैन ने बताया कि मंगलवार सुबह एलओसी पर तैनात जवानों ने उड़ी सेक्टर के लच्छीपोरा इलाके में संदिग्ध हलचल देखी। पाया कि एक आतंकी घुसपैठ की कोशिश कर रहा है। उसने सुरक्षा बलों पर फायरिंग शुरू कर दी। जवाबी कार्रवाई में उसे ढेर कर दिया गया। उसकी शिनाख्त बारामुला जिले के सोपोर के मुमकाक निवासी अब्दुल कयूम नजर के रूप में हुई है।

1999 से सक्रिय था आतंकी गतिविधियों में
घाटी में टाप कमांडरों के मारे जाने के बाद फिर से संगठन को खड़ा करने के लिए उसे कश्मीर में कमांडर की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। उस पर 50 से ज्यादा हत्याओं का आरोप था। मारे गए आतंकी पर 10 लाख रुपये का इनाम था। मारे गए आतंकी से एक एके 47 रायफल, चार मैगजीन, एक चाइनीज पिस्टल, छह पिस्टल मैगजीनए मैट्रिक्स शीटए आईईडीए एक जीपीएसए गोलियांए ड्राई फ्रूट्सए पाक निर्मित सामग्री तथा भारतीय और पाकिस्तानी करेंसी बरामद हुई है। घटना के बाद पूरे इलाके में सर्च आपरेशन चलाया जा रहा है।

 50 हत्याओं में था शामिल
एसएसपी के अनुसार नजर घाटी में हिजबुल की बागडोर संभालने के लिए आ रहा था तभी सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में मारा गया। हाल के दिनों में सुरक्षा बलों की ओर से संगठन के टाप कमांडरों के मारे जाने के बाद उसे घाटी में दोबारा से संगठन को मजबूत करने के  लिए भेजा गया था। वह सोपोर के हाइगाम इलाके में पुलिसकर्मी की हत्या सहित 50 से अधिक हत्याओं में शामिल था।

1999 से था सक्रिय
वह 1999 से आतंकी गतिविधियों में शामिल रहा है। हिज्ब कमांडर अब्दुल मजीद डार के मारे जाने के बाद नजर ने आतंक की राह पकड़ी थी। इसके बाद उसने ताबड़तोड़ एक के बाद एक घटनाओं को अंजाम दिया। वर्ष 2015 में उसे पीओके के बेस कैंप में बुला लिया गया था। पुलिस के अनुसार कश्मीर में लंबे अरसे से सुरक्षा बलों की नजर से बचता रहा आतंकवादी कमांडर कयूम नजर मंगलवार को सुरक्षाबलों द्वारा पाकिस्तान से भारत में घुसपैठ की कोशिश के दौरान मारा गया। बारामूला में वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक सय्यद इम्तियाज हुसैन ने उरी सेक्टर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर नजर की हत्या की पुष्टि की। हिजबुल मुजाहिदीन आतंकवादी कमांडर की मौत के बारे में जानकारी देते हुए हुसैन ने कहा कि नजर 1999 में आतंकवाद का प्रशिक्षण लिया थाए उस समय उसने समूह के तत्कालीन विवादास्पद कमांडर अब्दुल माजिद डार को मार डाला था।


सोपोर का था निवासी
उन्होंने बताया कि नजर सोपोर शहर के बाटापोरा का था। उसने खुद को एचएम से कुछ समय तक अलग रखा था। यही कारण था कि उसे हिजबुल के प्रमुख सय्यद सलाहुद्दीन से मिलने के लिए पाकिस्तान में एचएम के बेस कैंप में बुलाया गया था। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि उनके साथ समस्याओं को सुलझाने के बादए सलाहुद्दीन ने उसे कश्मीर में संगठन की कमान संभालने के लिए वापस भेजा था। वापस घाटी में घुसपैठ के दौरान मंगलवार को उसे मार दिया गया।

 

 

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