देश में बारिश और बाढ़ से अब तक 2,100 लोगों की मौत, 46 लापता

Wednesday, Oct 09, 2019 - 10:20 PM (IST)

नई दिल्ली: केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि इस साल मॉनसून की बारिश और इसके चलते आई बाढ़ से जुड़ी घटनाओं में 2,100 लोगों की मौतें हुई और 46 अन्य लापता दर्ज किए गए। वहीं, 22 राज्यों में 25 लाख से अधिक लोग बाढ़ से प्रभावित हुए। महाराष्ट्र में सर्वाधिक लोगों की मौतें हुईं, जहां 399 लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी। इसके बाद पश्चिम बंगाल (227) का स्थान है। देश के करीब 357 जिले बारिश, बाढ़ और भूस्खलन से प्रभावित हुए। अधिकारियों के मुताबिक देश भर में 738 लोग घायल हुए और करीब 20,000 पशु भी मारे गए। 


भारी बारिश और बाढ़ से 1.09 लाख मकान पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गए, 2.05 लाख मकान आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गए और 14.14 लाख हेक्टेयर खेतों में फसलें बर्बाद हो गई। एक अधिकारी ने बताया कि मॉनसून के दौरान कुल 2,120 लोगों की मौतें हुई। मौसम विभाग के मुताबिक मॉनसून की चार माह लंबी अवधि के दौरान भारत में 1994 से सर्वाधिक बारिश दर्ज की गई। 


महाराष्ट्र में बाढ़ से 22 जिले प्रभावित हुए, 399 लोगों की मौतें हुई, 369 लोग घायल हुए और 7.19 लाख लोगों को 305 राहत शिविरों में शरण लेने के लिए मजबूर होना पड़ा। बंगाल में बारिश और बाढ़ से 22 जिले प्रभावित हुए। राज्य में 227 लोगों को जान गंवानी पड़ी, 37 लोग घायल हुए, चार लोग लापता दर्ज किए गए और 43,433 लोगों ने 280 राहत शिविरों में शरण ली। 


बिहार में 166 लोगों को जान गंवानी पड़ी और 1.96 लाख लोगों ने 235 राहत शिविरों में शरण ली। बाढ़ से राज्य के 28 जिले प्रभावित हुए। मध्य प्रदेश में 182 लोगों की मौतें हुई। वहीं, केरल में भारी बारिश और बाढ़ ने 181 लोगों की जान ली और 72 लोग घायल हो गए। 13 जिलों में 15 लोग लापता दर्ज किए गए। करीब 4.46 लाख लोगों ने 2,227 राहत शिविरों में शरण ली। 


मॉनसून के दौरान गुजरात में 22 जिले प्रभावित हुए जहां 169 लोगों की मौतें हुई। कर्नाटक के 13 जिलों में बारिश और बाढ़ में 106 लोगों को जान गंवानी पड़ी, 14 लोग घायल हुए और छह लापता दर्ज किए गए। राज्य में 2.48 लाख लोगों को 3,233 राहत शिवरों में शरण लेनी पड़ी। बारिश और बाढ़ ने असम में 97 लोगों की जान ली। राज्य में बाढ़ से 32 जिले प्रभावित हुए।

shukdev

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