दिल्ली-NCR में और जहरीली हुई हवा, AQI 500 पार...सांस लेना हुआ मुश्किल

Wednesday, Oct 30, 2019 - 03:05 PM (IST)

नई दिल्लीः दिवाली की रात फोड़े गए पटाखों ने दिल्ली-एनसीआर की वायु गुणवत्ता को तेजी से खराब करने में जबरदस्त भूमिका निभाई है। सेंटर फॉर साइंस ऐंड इन्वायरॉन्मेंट (सीएसई) की एक रिपोर्ट में यह दावा किया गया। वहीं, दिल्ली में प्रदूषण का स्तर बढ़ने के मद्देनजर शहर की सरकार ने अगले हफ्ते से यहां के स्कूलों और मोहल्ला क्लीनिकों में मुफ्त ‘मास्क' बांटने की घोषणा की है।

राजधानी के आसपास के इलाके भी गैस चैंबर बने हुए हैं और अगले दो दिन तक राहत के आसार भी नहीं हैं। दिल्ली में बुधवार सुबह पीएम 2.5 का स्तर 500 (गंभीर) और पीएम 10 का स्तर 379 (बहुत खराब) स्थिति में रहा। इसके बाद स्थिति 'आपातकाल गंभीर' में पहुंच जाती है। दिल्ली-एनसीआर में धुंध इतनी बढ़ गई है कि कहीं भी धूप नजर नहीं आ रही। वहीं पंजाब का भी यही हाल है। पंजाब के कई इलाकों में सुबह और शाम प्रदूषित हवा की घनी धुंध छाई देखी गई।

मंगलवार को भी दिल्ली के आसमान में धुंध की स्थिति रही। इस वजह से सूरज का प्रकाश भी कम मात्रा में धरती पर आया। दरअसल वायु गुणवत्ता दिल्ली और इससे लगे शहरों में गिर कर ‘गंभीर' श्रेणी में चली गई। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक रात 8 बजे शहर की संपूर्ण वायु गुणवत्ता (वायु गुणवत्ता) 414 थी। राष्ट्रीय राजधानी के 37 वायु गुणवत्ता निगरानी स्टेशनों पर 26 में एक्यूआई ‘गंभीर' श्रेणी में दर्ज की गई। आनंद विहार (464) सर्वाधिक प्रदूषित रहा। इसके बाद वजीरपुर (430)का स्थान रहा। एनसीआर के गाजियाबाद में 465, ग्रेटर नोएडा में 440 और नोएडा में यह 450 रहा। दिल्ली सरकार ने कहा है कि पंजाब और हरियाणा में पिछले 24 घंटों में खेतों में पराली या फसल अवशेष जलाए जाने की घटनाएं तेजी से बढ़ी हैं और राष्ट्रीय राजधानी के वायु प्रदूषण में इसकी हिस्सेदारी इस साल के शीर्ष पर जा सकती है।

नासा ने फिर जारी की तस्वीरें
नासा ने एक बार फिर से दिल्ली से लगे कुछ राज्यों की ताजा सेटेलाइट फोटो जारी की हैं। इन फोटो में 'रेड स्पॉट' खेतों में पड़े पराली में लगाई गई आग को दर्शाती है। नासा का कहना है कि बीते कुछ दिनों में पंजाब-हरियाणा में पराली जलाने की घटनाओं में तेजी से बढ़ौतरी हुई है। और यही वजह है कि दिल्ली और आसपास के राज्यों में प्रदूषण का स्तर पहले से और खराब हो रहा है।

केजरीवाल की पंजाब-हरियाणा से अपील
वहीं दिल्ली सरकार ने कहा है कि नासा की ताजा तस्वीरों से जाहिर होता है कि दोनों पड़ोसी राज्यों में फसल अवशेष जलाए जाने में तेजी से वृद्धि हुई है। इसने दिल्ली की वायु गुणवत्ता को गंभीर रूप से प्रभावित किया है। इसने कहा कि पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के वायु गुणवत्ता निगरानी प्रणाली, ‘सफर' के मुताबिक फसल अवशेषों से प्रदूषण की हिस्सेदारी अब इस साल के अपने शीर्ष पर जा सकती है। हालांकि, केंद्र सरकार ने पिछले हफ्ते दोनों राज्यों को फसल अवशेष जलाया जाना पूरी तरह से रोकने के लिये सख्त निर्देश जारी किये थे। इस बीच, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पंजाब और हरियाणा से हाथ जोड़ कर अपील की है कि वे पराली जलाने को रोकने के लिए ठोस कदम उठाएं, ताकि दिल्ली को ‘गैस चैम्बर' बनने से रोका जा सके।

Seema Sharma

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