गुजरात, राजस्थान के कई हिस्सों में पहुंचा मानसून; इन राज्यों में मूसलाधार बारिश का अनुमान; जानें सब कुछ

punjabkesari.in Monday, Jul 01, 2024 - 08:41 AM (IST)

नई दिल्लीः गुजरात और राजस्थान सहित देश के कई हिस्सों में रविवार को भारी बारिश हुई जिससे सामान्य जनजीवन प्रभावित हुआ। दक्षिण-पश्चिम मानसून देश के उत्तरी राज्यों की ओर आगे बढ़ रहा है। देश भर में बारिश से संबंधित घटनाओं जैसे बिजली गिरने और डूबने से कई लोगों की मौत की खबर है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार महाराष्ट्र, बिहार, राजस्थान, गुजरात, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, मध्यप्रदेश, नगालैंड, मणिपुर, मिजोरम और अरुणाचल प्रदेश उन राज्यों में शामिल हैं जहां रविवार को भारी बारिश हुई। 

गुजरात में बारिश का दौर जारी
आईएमडी ने कहा कि सौराष्ट्र क्षेत्र से सटे उत्तर-पूर्व अरब सागर पर चक्रवाती परिसंचरण के कारण गुजरात में बारिश का दौर चल रहा है। अधिकारियों ने बताया कि भारी बारिश के कारण सूरत, भुज, वापी, भरूच और अहमदाबाद शहर के कई इलाकों में जलभराव हो गया और निचले इलाकों में पानी भर जाने के कारण यातायात प्रभावित हुआ, जिससे कुछ सड़कें और अंडरपास दुर्गम हो गए। सूरत जिले के पलसाना तालुका में दस घंटों में 153 मिमी बारिश हुई, जो राज्य में सबसे अधिक है। मौसम विभाग के अनुसार गुजरात में अगले चार दिनों तक बारिश का दौर जारी रहेगा। आईएमडी ने एक विज्ञप्ति में कहा कि दक्षिण और मध्य गुजरात तथा सौराष्ट्र क्षेत्र में अलग-अलग स्थानों पर अगले दो दिनों में भारी बारिश होने का अनुमान है। 

राजस्थान के कई हिस्सों में रविवार को हुई भारी बारिश
दिल्ली में मंगलवार तक भारी बारिश के पूर्वानुमान के बीच नगर निकायों ने जलभराव की समस्या से निपटने के लिए तैयारियां तेज कर दी हैं जिसके तहत कर्मचारियों और उपकरणों की तैनाती बढ़ाने समेत क्षेत्रीय इकाइयों को सतर्क रखने के कदम उठाए गए हैं। राष्ट्रीय राजधानी में मानसून आगमन के पहले दिन शुक्रवार की सुबह 228.10 मिलीमीटर बारिश हुई, जो 1936 के बाद जून माह में अब तक की सर्वाधिक वर्षा है। बारिश से शहर के कई हिस्सों में जलभराव हो गया और कई लोगों की जान चली गई। 

राजस्थान के कई हिस्सों में रविवार को भारी बारिश हुई, चुरू में सबसे अधिक 51.4 मिमी बारिश दर्ज की गई, जबकि शहर में तापमान 40.2 डिग्री सेल्सियस रहा। पिछले 24 घंटों में भरतपुर संभाग के कुछ हिस्सों में भारी से बहुत भारी बारिश दर्ज की गई। मौसम विभाग ने अगले चार-पांच दिनों में पूर्वी राजस्थान के कुछ हिस्सों में भारी बारिश और पश्चिमी राजस्थान के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश का अनुमान जताया है। राज्य में अधिकतम तापमान श्रीगंगानगर में 41.3 डिग्री दर्ज किया गया।

यूपी के देवरिया में बिजली गिरने से एक पुजारी सहित दो लोगों की मौत
वहीं, उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले में पुलिस ने बताया कि रविवार को बिजली गिरने की अलग-अलग घटनाओं में एक पुजारी समेत दो लोगों की मौत हो गई, जबकि सात अन्य घायल हो गए। पुलिस के अनुसार, यह घटना अपराह्न करीब एक बजे हुई, जब इलाके में भारी बारिश हो रही थी। गोपालपुर गांव में स्थित मंदिर में बिजली गिरने के समय मंदिर के पुजारी राधेश्याम गिरी (50) समेत कुछ लोग मंदिर में शरण लिए हुए थे। दूसरी घटना में, राजनाथ कुशवाहा (40) उस समय बिजली की चपेट में आ गए जब वे अपने खेतों में धान की बुवाई कर रहे थे। उनकी मौके पर ही मौत हो गई। 

बिहार के जहानाबाद में बारिश का पानी अस्पताल में घुसा
इस बीच, महाराष्ट्र में रविवार को पुणे के लोनावाला इलाके में भुशी बांध के पास एक झरने में एक महिला और 13 वर्षीय एक लड़की डूब गई, जबकि 4-6 आयु वर्ग के तीन बच्चे लापता हैं। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि यह घटना अपराह्न डेढ़ बजे हुई जिसके बाद खोज एवं बचाव दल मौके पर पहुंच गए। पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘‘ऐसा लगता है कि वे एक ही परिवार के सदस्य हैं और भुशी बांध से करीब दो किलोमीटर दूर एक झरने में फिसलकर गिर गए और नीचे जलाशय में डूब गए।'' मौसम विभाग ने अचानक बाढ़, भूस्खलन और पत्थर गिरने की चेतावनी भी जारी की है। उत्तराखंड के हल्द्वानी, रामनगर, देहरादून, हरिद्वार, उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद, पटना और हैदराबाद में भारी बारिश के बाद कई सड़कें जलमग्न हो गईं। बिहार के जहानाबाद में बारिश का पानी अस्पताल में घुस गया। 

आईएमडी ने शनिवार को अगले चार से पांच दिनों में उत्तर-पश्चिम और पूर्वोत्तर भारत में भारी से बहुत भारी बारिश होने का अनुमान जताया है। आईएमडी ने यह भी कहा कि दक्षिण-पश्चिम मानसून शनिवार को पूर्वी उत्तर प्रदेश के शेष हिस्सों और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुछ इलाकों में आगे बढ़ गया है। मौसम विभाग के मुताबिक अगले दो से तीन दिनों में पश्चिमी राजस्थान, हरियाणा, चंडीगढ़, पंजाब के अधिक भागों तथा पश्चिमी उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश और जम्मू के शेष क्षेत्रों में मानसून के आगे बढ़ने के लिए परिस्थितियां अनुकूल हैं। 


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Content Writer

Pardeep

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