मोदी-शी की मुलाकात ठोस मुद्दों का हल निकालने में विफल रही…SCO समिट पर बोले ओवैसी
punjabkesari.in Sunday, Aug 31, 2025 - 10:27 PM (IST)

नेशनल डेस्कः एआईएमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने रविवार को आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग के साथ बैठक उन महत्वपूर्ण सवालों के जवाब देने में ‘‘विफल'' रही है, जिनकी भारतीय तलाश कर रहे थे।
हैदराबाद से सांसद ओवैसी ने ‘एक्स' पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘चीनी राष्ट्रपति के साथ आज हुई भारत के प्रधानमंत्री की बैठक उन महत्वपूर्ण सवालों के जवाब देने में विफल रही है जिनकी भारतीयों को तलाश थी। इस सूची में सबसे ऊपर ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान को चीन का समर्थन और अफगानिस्तान में सीपीईसी का विस्तार है। हमने चीन द्वारा जल विज्ञान संबंधी नदी डेटा साझा किए जाने के बारे में एक शब्द भी नहीं सुना है।''
ओवैसी ने कहा कि लद्दाख में सीमा की स्थिति भी ऐसी है कि ‘‘हमारे बहादुर सैनिक ‘बफर जोन' में गश्त नहीं कर सकते और हमारे चरवाहों को 2020 के बाद कई क्षेत्रों में पहुंच से वंचित कर दिया गया है।'' उन्होंने दावा किया कि दुर्लभ मृदाओं और अन्य महत्वपूर्ण वस्तुओं की आपूर्ति पुनः शुरू करने के बारे में चीन ने कोई वादा नहीं किया है, न ही उसने कहा है कि वह भारत से और अधिक वस्तुओं का आयात करेगा। एआईएमआईएम प्रमुख ने कहा, ‘‘ये मुद्दे भारतीयों के लिए मायने रखते हैं, न कि फोटो खिंचवाने का मौका, जैकेट का रंग या कालीन की लंबाई। दुख की बात है कि मोदी-शी की मुलाकात ठोस मुद्दों पर कोई हल निकालने में नाकाम रही।''
प्रधानमंत्री मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने रविवार को भारत-चीन सीमा मुद्दे के ‘‘निष्पक्ष, उचित और पारस्परिक रूप से स्वीकार्य'' समाधान की दिशा में काम करने पर सहमति व्यक्त की और वैश्विक व्यापार को स्थिर करने में दोनों अर्थव्यवस्थाओं की भूमिका को मान्यता देते हुए व्यापार एवं निवेश संबंधों का विस्तार करने का संकल्प लिया। अपनी व्यापक वार्ता में दोनों नेताओं ने मुख्य रूप से व्यापार और निवेश संबंधों को बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया।
यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारतीय वस्तुओं पर 50 प्रतिशत तक का व्यापक ‘टैरिफ' लगाए जाने से वैश्विक व्यापार में व्यवधान उत्पन्न हो गया है। शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) शिखर सम्मेलन के दौरान आयोजित बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने भारत-चीन संबंधों के निरंतर विकास के लिए सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति और सौहार्द के महत्व को रेखांकित किया और कहा कि नयी दिल्ली ‘‘परस्पर विश्वास, सम्मान और संवेदनशीलता'' के आधार पर संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है।