इस बार स्वतंत्रता दिवस पर मोदी इन मुद्दों पर देंगे भाषण, देशवासियों ने दिए सुझाव

Monday, Aug 14, 2017 - 03:06 PM (IST)

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चौथी बार स्वतंत्रता दिवस के मौके पर लालकिले के प्राचीर से देश को संबोधित करेंगे। पीएम मोदी की इस बार स्वतंत्रता दिवस भाषण बेहद खास होगा। दरअसल पिछले महीने पीएम ने मन की बात कार्यक्रम में कहा था कि इस बार का स्वतंत्रता दिवस भाषण देश के 125 करोड़ नागरिकों की आवाज होगा। पीएम मोदी ने देशवासियों से स्वतंत्रता दिवस की स्पीच के लिए राय मांगी थी।

पीएम की इस अपील के बाद लगातार सोशन मीडिया अथवा अन्य मीडिया साधनों से लाखों की संख्या में लोगों की राय उन तक पहुंच रही है। पीएम मोदी को कई सारे सुझाव मिले जिसके आधार पर माना जा रहा है कि वो इन मुद्दों को अपने संबोधन में शामिल कर सकते हैं।

-नवंबर 2016 में केन्द्र सरकार द्वारा लागू की गई नोटबंदी का सीधा असर अर्थव्यवस्था पर साफ दिखने लगा है। सरकार और रिजर्व बैंक के आंकड़ों से एक बात तो स्पष्ट है कि नोटबंदी ने अभी तक तो आर्थिक आंकड़ों को नुकसान ही पहुंचाया है। देश की जनता चाहहती है कि मोदी इस पर अपना पक्ष रखें।


-जुलाई 2017 से पूरे देश में एक समान टैक्स प्रक्रिया लागू करने के लिए जीएसटी का चुनाव किया गया। पीएम मोदी के पास बड़ी मात्रा में सुझाव आए हैं कि वो जीएसटी को  लेकर व्यापारियों को संबोधित करें। ताकि लोगों में पैदा हो रहा भय और कंफ्यूजन दूर हो सके।


-पीएम मोदी कालाधन का मुद्दा उठाकर ही सत्ता में आए थे। जहा देशवासी इस पर जानना चाहते हैं कि इस मुद्दे पर सरकार कहां तक पहुंची है वहीं विपक्ष भी आए दिन इस मुद्दे पर सरकार को घेरता आ रहा है कि आखिर कब कालाधन वापिस भारत आएगा। आशय है पीएम मोदी लाल किले से इस मुद्दे पर कुछ अहम कह सकते हैं।

-पीएम ने 2022 तक देश में सभी के लिए घर बनाने की योजना शुरू की है। सेक्टर में रेरा जैसे नए प्रावधान और कालेधन पर लगाम के बाद माना जा रहा है कि आम आदमी के लिए घर खरीदने का सपना पूरा करना आसान हो जाएगा। ऐसे में लोगों ने मोदी को अपना घर योजना पर बोलने के लिए कहा है।


-आम आदमी को स्वास्थ और शिक्षा की सुविधा बेहतर और मुफ्त देने के वायदे पर भी मोदी बात कर सकेत हैं। हालांकि स्वास्थ सुविधाओं पर केन्द्र सरकार अहम फैसले ले चुकी है। केन्द्र सरकार ने मरीजों का रजिस्ट्रेशन, ओपीडी में डॉक्टर अलॉट करने, जरूरी मेडिकल टेस्ट और इलाज करने के लिए पार्दर्शिता से भरी ऑनलाइन व्यवस्था को लागू किया है लेकिन देश में एक आम आदमी को स्वास्थ सुविधा के लिए इतना पर्याप्त नहीं है।

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