''मोदी के जादू ने चंद मिनट में बदल दी थी डोकलाम की तस्वीर''

Saturday, Sep 30, 2017 - 10:32 PM (IST)

नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद पहल करके चीन के साथ डोकलाम विवाद सुलझाया था। हेमबर्ग में जी-20 सम्मेलन से इतर पीएम नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच हुई मुलाकात में डोकलाम विवाद का हल निकालने की आधारशिला रखी गई थी। इसका खुलासा रणनीतिक मामलों के विशेषज्ञ नितिन ए. गोखले ने 'सिक्योरिंग इंडिया द मोदी वे' नामक किताब में किया है। 

गोखले ने अपनी किताब में खुलासा किया कि यह बैठक जी-20 नेताओं के प्रतीक्षालय में बैगैर घोषणा के मोदी के शी के पास चले जाने के बाद हुई थी। उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने इस किताब का विमोचन किया था।

किताब के मुताबिक तात्कालिक बैठक के गवाह रहे भारतीय राजनयिकों के अनुसार प्रधानमंत्री के शी से अघोषित मुलाकात के बाद चीनी दल चकित रह गया था। किताब में कहा गया कि संक्षिप्त मुलाकात के दौरान मोदी ने शी को सलाह दी कि भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल और चीन के स्टेट काउंसलर यांग जीची को डोकलाम विवाद सुलझाने की अगुवाई करनी चाहिए।

किताब के मुताबिक दल को यह निर्देश दिए गए थे कि भारत जमीन पर दृढ़ और कूटनीति में तर्कसंगत रहेगा। ब्रिक्स स्तर पर जोरदार तैयारी करने के बाद चीन शिखर सम्मेलन में भारत की अनुपस्थिति का खतरा मोल नहीं ले सकता था।

लिहाजा समझ यहां तक पहुंची कि चीन इस क्षेत्र में सड़क निर्माण के कार्य को रोकेगा, जिस वजह से यह विवाद पैदा हुआ था। भारत और चीन ने विवाद सुलझाने के बाद अपने बयानों में इन मुद्दों के बारे में कोई जानकारी नहीं दी थी।

मोदी ने कथित रूप से शी से कहा, 'हमारे रणनीतिक संबंध डोकलाम जैसे इन छोटे सामरिक मुद्दों से बड़े हैं।' इसके एक पखवाड़े बाद डोभाल प्रस्तावित ब्रिक्स एनएसए बैठक के लिए बीजिंग गए।

इस बीच डोकलाम विवाद के दौरान भारतीय दल ने राजदूत विजय गोखले की अगुवाई में चीन में 38 बैठकें की। भारतीय दल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, एनएसए डोभाल और विदेश सचिव एस जयशंकर से स्पष्ट निर्देश मिल रहे थे।

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