ऑफ द रिकॉर्डः मोदी गमछा नहीं, मास्क करता है सुरक्षा

Saturday, Sep 05, 2020 - 05:30 AM (IST)

नई दिल्लीः कोरोना से जंग में मास्क और 2 गज की दूरी ही एकमात्र बचाव है। ऐसे में मास्क को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं कि कौन सा मास्क ठीक है और कौन सा नहीं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी गले के गमछे को ही मास्क के रूप में मुंह पर रख लेते हैं। ऐसे में लोगों के बीच चर्चा यह है कि हमारे मास्क नहीं पहनने पर कार में अकेले बैठे रहने पर भी पुलिस चालान काट रही है। 

आई.आई.टी. दिल्ली के टैक्सटाइल विभाग में असिस्टैंट प्रोफैसर और कोरोना से बचाव के लिए ‘कवच मास्क’ बनाने वाली टीम के हैड डा. बिपिन कु मार का कहना है कि जिस मास्क में एयर फिल्टर लगा हो और कपड़े का बना हो, वही सुरक्षित है। गमछा, सर्जिकल मास्क और वॉल्व लगे मास्क सुरक्षित नहीं हैं। 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी यही सलाह है कि वह गमछे के स्थान पर आई.आई.टी. दिल्ली द्वारा मेक इन इंडिया मुहिम के तहत बनाए गए 45 रुपए कीमत वाले ‘कवच मास्क’ को पहनें। कोरोना वायरस का आकार 0.3 माइक्रोन यानि एक एम.एम. के  भी एक हजारवें हिस्से से छोटा कण होता है। सही मास्क सूक्ष्म वायरस को मुंह और नाक के जरिए आपके शरीर में नहीं पहुंचने देता जबकि गमछा कोरोना के ड्रॉपलैट से संक्रमण फैलाने वाले वायरस को रोकने में सक्षम नहीं है। गमछे के कपड़े में बहुत बड़े होल होते हैं। 

डा. बिपिन कुमार ने कहा कि सर्जिकल मास्क केवल सर्जरी के लिए होते हैं। वह ऑप्रेशन करते समय खून के छींटें मुंह पर न लगें, उससे बचने के लिए पहना जाता है। वॉल्व वाले मास्क से कोरोना संक्रमित व्यक्ति सांस छोड़ता है तो उसके ड्रापलैट बाहर आते हैं। इसलिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने उसके इस्तेमाल को गलत बताया है। 

एम्स के निदेशक डा. रणदीप गुलेरिया ने कहा कि थ्री लेयर कपड़े से बने मास्क पार्टिकल्स को रोकने में सहायक हैं, इसलिए स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से थ्री लेयर मास्क पहनने की सलाह दी गई है लेकिन इनकी फिटिंग मुंह और नाक को अच्छे से ढकने वाली होनी चाहिए। जहां तक सुरक्षित मास्क का प्रश्न है तो रेस्पिरेटर के साथ आने वाले मास्क को सबसे ज्यादा सुरक्षित माना गया है। सर्टिफाइड एन-95 रेस्पिरेटर्स 95 फीसदी तक पार्टिकल्स को फिल्टर कर सकते हैं,वहीं एन-99 रेस्पिरेटर्स पार्टिकल्स को 99 फीसदी तक फिल्टर कर सकते हैं। 

Pardeep

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