मोदी ने कनाडा के उद्योगपतियों को निवेश का दिया निमंत्रण, कहा- निवेश के लिए भारत सबसे उपयुक्त

Thursday, Oct 08, 2020 - 10:20 PM (IST)

नई दिल्लीः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल में किये गये सुधारों का उल्लेख करते हुए बृहस्पतिवार को कनाडा के उद्योगपतियों को भारत में शिक्षा, कृषि और विनिर्माण समेत विभिन्न क्षेत्रों में निवेश के लिये आमंत्रित किया। उन्होंने कहा कि भारत निवेशकों को राजनीतिक स्थिरता और निवेश अनुकूल नीतियों के साथ, उन सब चीजों की पेशकश करता है, जो निवेशक किसी देश में निवेश करने से पहले सोचते हैं। 

मोदी ने इस मौके पर श्रम और कृषि समेत विभिन्न क्षेत्रों में किए गए प्रमुख सुधारों का जिक्र करते हुए कहा कि इससे न केवल निवेशकों के लिए व्यापार करना सुगम होगा बल्कि किसानों तथा कामगारों को भी लाभ होगा। मोदी ने कनाडा में आयोजित इनवेस्ट इंडिया 2020 सम्मेलन को वीडियो कांफ्रेन्सिंग के जरिये संबोधित करते हुए कहा कि एक गतिशील लोकतंत्र, राजनीतिक स्थिरता और व्यापार अनुकूल नीतियों के साथ भारत विदेशी निवेशकों के लिये आकर्षक और बेजोड़ गंतव्य है। ‘‘यहां वह हर चीज है जो एक निवेशक कहीं निवेश करने से पहले सोचते हैं।'' यह सम्मेलन भारत और कनाडा के बीच रिश्तों को नई ऊंचाई पर ले जाने के विशेष उद्देश्य से आयोजित किया गया है। 

इस आयोजन का लक्ष्य कनाडा के उद्योग जगत के समक्ष भारत में निवेश के अवसरों को प्रस्तुत करना तथा निवेश के आकर्षक गंतव्य के रूप में भारत को सामने रखना है। प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार ने शिक्षा, कृषि और श्रम क्षेत्रों में महत्वपूर्ण सुधार किये हैं। ये क्षेत्र ऐसे हैं, जो लगभग हर भारतीय को प्रभावित करते हैं। मोदी ने कनाडा के उघोगपतियों से कहा, ‘‘अगर आप शिक्षा के क्षेत्र में भागीदारी चाह रहे हैं, तो वह स्थान भारत है। अगर आप विनिर्माण या सेवा क्षेत्रों में निवेश पर विचार कर रहे हैं, वह स्थान भारत है। अगर आप कृषि क्षेत्र में सहयोग पर गौर कर रहे हैं, उसके लिये भारत उपयुक्त स्थान है।'' 

कोरोना वायरस महामारी का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा, ‘‘भारत ने कोविड-19 के बीच अनूठा रुख अपनाया है। हमने गरीबों और छोटे कारोबारियों को राहत और प्रोत्साहन पैकेज उपलब्ध कराये। हमने इस अवसर का उपयोग संरचनात्मक सुधारों को आगे बढ़ाने में किया। ये सुधार अधिक उत्पादकता और समृद्धि सुनिश्चित करते हैं।'' कोविड-19 संकट के बीच आपूर्ति व्यवस्था संबंधी चिंताओं पर उन्होंने कहा, ‘‘काविड-19 के दौरान आपने प्राय: विभिन्न समस्याओं के बारे में सुना होगा। विनिर्माण की समस्या, आपूर्ति व्यवस्था की समस्या...।'' मोदी ने कहा, ‘‘लेकिन भारत ने उन समस्याओं को नहीं होने दिया।''

प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि भारत कोरोना वायरस के इस दौर में दुनिया के लिये दवाखाने की भूमिका निभा रहा है। भारत से अब तक करीब 150 देशों को दवाएं उपलब्ध करायी गयी हैं। उन्होंने कहा, ‘‘भारत की स्थिति आज सुदृढ़ है तथा कल और मजबूत होगी ... हम हवाईअड्डा, रेलवे, राजमार्ग, बिजली पारेषण समेत कई क्षेत्रों में संपत्तियों को बाजार पर चढ़ा रहे हैं।'' मोदी ने कहा कि एफडीआई (एफडीआई) व्यवस्था को काफी उदार बनाया गया है और सरकारी संपत्ति तथा पेंशन कोष के लिये कर व्यवस्था अनुकूल बनायी गयी हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हम सक्रियता के साथ हवाईअड्डा, रेलवे, राजमार्गों और बिजली पारेषण जैसे क्षेत्रों में संपत्तियों को बाजार में चढ़ा रहे हैं। रीयल एस्टेट निवेश ट्रस्ट (रीट) और बुनियादी ढांचा निवेशक ट्रस्ट (इनविट) इन संपत्तियों को बाजार में चढ़ाने में समर्थ बना रहे हैं।'' 

उन्होंने कहा कि भारत के प्रति वैश्विक निवेशक समुदाय का भरोसा लगातार बना हुआ है। यह बात इस तथ्य से पता चलती है कि 2019 में एफडीआई 20 प्रतिशत बढ़ा और यह स्थिति तब है जब वैश्विक एफडीआई प्रवाह एक प्रतिशत घटा है। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘भारत ने इस साल पहले छह महीने में दुनिया के विभिन्न देशों से 20 अरब डॉलर से अधिक एफडीआई प्राप्त किया। यह ऐसा समय था जब कोविड-19 संक्रमण तेजी से बढ़ रहे थे।'' मोदी ने कहा कि भारत में मन:स्थिति के साथ बाजार में तेजी से बदलाव हो रहा है। देश विभिन्न क्षेत्रों में नियमन में ढील देने के रास्ते पर आगे बढ़ा रहा है, कंपनी कानून के तहत विभिन्न मामलों में अपराधों पर कठोर दंड को हल्का किया गया है। हाल में तीन क्षेत्रों शिक्षा, श्रम और कृषि में किये गये सुधारों के बारे में प्रधानमंत्री ने कहा कि इससे निजी क्षेत्र की भागीदारी बढ़ेगी। इससे न केवल निवेशकों के लिये व्यापार करना सुगम होगा बल्कि किसानों तथा कामगारों को भी लाभ होगा। 

उन्होंने कहा, ‘श्रम सुधारों के जरिये श्रम क्षेत्र से जुड़े कानूनों की संख्या कम हुई है, ये सुधार कर्मचारी और नियोक्ता दोनों के लिये अनुकूल और फायदेमंद हैं। इससे कारोबार करना और सुगम होगा।'' मोदी ने कहा, ‘‘ कृषि क्षेत्र में किये गये सुधार दूरगामी हैं, इससे न केवल किसानों को अधिक विकल्प मिलेंगे बल्कि निर्यात को भी गति मिलेगी।'' उन्होंने कहा कि इन सुधारों से आत्मनिर्भर भारत के निर्माण के प्रयासों में मदद मिलेगी। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘हम आत्मनिर्भर होने के जरिये वैश्विक स्तर पर बेहतरी और समृद्धि में योगदान करना चाहते हैं।'' 

उन्होंने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में सुधार युवाओं की प्रतिभा को और निखारेगा और अधिक विदेशी विश्वविद्यालयों को भारत आने का रास्ता आसान होगा। मोदी ने कहा कि भारत-कनाडा द्विपक्षीय संबंध हमारे साझा लोकतांत्रिक मूल्यों और कई समान हितों पर आधारित हैं, दोनों देशों के बीच व्यापार और निवेश रिश्ते हमारे बहुआयामी संबंध का अभिन्न हिस्सा हैं। कनाडा भारत में 20वां सबसे बड़ा विदेशी निवेशक हैं और कनाडा की 600 से अधिक कंपनियां यहां काम कर रही हैं। कनाडा के पेंशन कोष ने अब तक भारत में करीब 50 अरब डॉलर के निवेश का संकल्प जताया है। 

Pardeep

Advertising