बेरोजगारी के मुद्दे पर घिरी मोदी सरकार अब तैयार करेगी 'रिपोर्ट कार्ड'
Tuesday, May 08, 2018 - 06:56 PM (IST)
नेशनल डेस्क: देश में बेरोजगारी बढ़ने के मुद्दे पर चौतरफा आलोचना झेल रही मोदी सरकार अब अपने विरोधियों से बचने का रास्ता तलाश रही है। इसके तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने
सभी मंत्रालयों को चार साल के कार्यालय में पैदा की गई नौकरियां की संख्या का पता लगाने के निर्देश दिए हैं। इससे यह जानकारी जुटाने की कोशिश की जाएगी कि मंत्रालयों की परियोजनाएं से कितने लोगों को रोजगार मिला। दरअसल मोदी सरकार प्रतिवर्ष एक करोड़ लोगों को नौकरी न देने के वादे पर विपक्ष का विरोध झेल रही है जिसके जवाब में यह रिपोर्ट तैयार की जा रही है।
2019 आम चुनाव को लेकर की तैयारी
यह रिपोर्ट कार्ड 2019 आम चुनाव के मद्देनजर मोदी सरकार के लिए काफी अहम माना जा रही है। सूत्रों के अनुसार मंत्रालयों को निर्देश दिए गए हैं कि वह यह भी बताएं कि जीडीपी को बढ़ाने पर उनके विभिन्न कार्यक्रमों का क्या असर था। बता दें कि 26 मई को मोदी सरकार के चार साल पूरे हो जाएंगे। सरकार अपनी उपलब्धियों को ऐसे प्रचारित करेगी जिसे लेकर पार्टी चुनाव में जा सके। इसका अहम मुदृा रोजगार ही होगा जिसके जरिए वह विपक्ष को गलत साबित करेगी।
विपक्ष का आरोप झेल रही मोदी सरकार
कुछ दिनों पहले पीएम ने एक इंटरव्यू में कहा था कि पकौड़े की दुकान खोलना भी तो रोजगार है। उन्होंने एक रिपोर्ट के हवाले से दावा किया था कि पिछले साल करीब 70 लाख लोगों ने ईपीएफओ में रजिस्ट्रेशन कराया है। पीएम मोदी का तर्क था कि बिना नौकरी के लोग ईपीएफओ में क्यों रजिस्ट्रेशन कराएंगे। यानी उनके कार्यकाल में एक साल में 70 लाख लोगों को रोजगार तो मिला ही है। जबकि विपक्ष का आरोप है कि मोदी सरकार अपने सभी वादों पर विफल रही है।