42 साल पुरानी इस कंपनी को बेचेगी मोदी सरकार, जानिए क्या है वजह?

Wednesday, Apr 25, 2018 - 01:38 PM (IST)

नेशनल डेस्क: केंद्र की मोदी सरकार ने 42 साल पुरानी मिनी रत्न कंपनी ड्रेजिंग कॉर्पोरेशन को बेचने का फैसला ले लिया है। माना जा रहा है कंपनी की हिस्सेदारी बेचने के बाद सरकारी खजाने में लगभग 1400 करोड़ रुपए आएगा। सरकार की ड्रेजिंग कॉर्पोरेशन में 73.46 फीसदी हिस्सेदारी है। यह कंपनी शिपिंग मिनिस्ट्री के अधीन है इस​की स्थापना 1976 में विशाखापटनम में हुई थी। 

यह कंपनी मेंटेनेंस ड्रेजिंग, कैपिटल ड्रेजिंग, बीच नरिशमेंट, लैंड रिक्लेमेशन, शैलो वाटर ड्रेजिंग, प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कंसल्टैंसी और मरीन कंस्ट्रक्शन से जुड़ी हुई है। एक्सपर्ट्स के अनुसार ड्रेजिंग कॉर्पोरेशन का प्रदर्शन पिछले काफी समय से निराशाजनक रहा। अप्रैल-जून तिमाही में कंपनी का मुनाफा बिना बदलाव के 3.97 करोड़ रुपए रहा था। वहीं, इस दौरान कंपनी की आय 10.8 फीसदी बढ़कर 157.9 करोड़ रुपए रही थी। कैबिनेट कमिटी ऑन इकनॉमिक अफेयर्स पहले ही इसे बेचने के प्रस्ताव को मंजूरी दे चुकी है। 

ड्रेजिंग कॉर्पोरेशन में करीब 500 कर्मचारी हैं। शिपिंग मंत्रालय के अधिकारी के मुताबिक कंपनी के मालिक ही कर्मचारियों पर फैसला लेंगे। सूत्रों के अनुसार कंपनी ने पिछली तिमाही में वित्त मंत्रालय को चिट्ठी लिखकर डिविडेंड देने में असमर्थता जताई थी। ड्रेजिंग कॉर्प ने खराब वित्तीय हालात का हवाला दिसा था जिसका कंपनियों से जुड़े मंत्रालय ने समर्थन किया।

vasudha

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