GST के बाद मोदी सरकार का बड़ा दाव, डायरेक्ट टैक्स के लिए मंथन किया शुरू

Wednesday, Nov 22, 2017 - 08:20 PM (IST)

नई दिल्लीः टैक्स सुधार की दिशा में एक बार फिर मोदी सरकार जल्द बड़ा कदम उठाने की तैयारी में लग गई है। एेसे में अब गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) के बाद डायरेक्ट टैक्स स्ट्रक्चर में सुधार के लिए सरकार ने एक 6 सदस्यीय टास्क फोर्स का गठित किया है। इस टास्क फोर्स को 6 महीने में सरकार को रिपोर्ट देनी होगी।

ये टास्कफोर्स चार अहम मुद्दों पर गहनता से काम करेगा। सबसे पहले इसका मंथन करेगा कि अलग-अलग देशो में डायरेक्ट टैक्स को लेकर क्या प्रावधान हैं। इसके अलावा अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सबसे बेहतर व्यवस्था क्या है। इन मुद्दों पर गहन मंथन के बाद टास्कफोर्स इन संभावनाओं पर काम करेगा कि देश की जो आर्थिक स्थित है उसमें डायरेक्ट टैक्स के लिए सबसे बेहतर व्यवस्था कैसी होनी चाहिए और आयकर नियमों में क्या और किस तरह के बदलाव होने चाहिए। 

जानकारी के मुताबिक, इस टास्क फोर्स में एसबीआई, सीए एंड नॉन ऑफिशियल डायरेक्टर, गिरिश आहूजा, ईएंडवाय, चेयरमैन & रीजनल मैनेजिंग पार्टनर राजीव मेमानी, आईसीआरआईईआर कंसल्टेंट मानसी केडिया, 1971 में आईआरएस रिटायर्ड, जी सी श्रीवास्तव और टैक्स गुरू मुकेश पटेल को शामिल किया गया है। 

सात सदस्यों वाली यह टास्क फोर्स सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज के सदस्य अरविंद मोदी की अगुआई में काम करेगी, जबकि मुख्य आर्थिक सलाहकार अरविंद सुब्रमण्यम इस पैनल के स्थायी विशेष आमंत्रित सदस्य होंगे। बजट से पहले सरकार का यह कदम इस बात का इशारा है कि सरकार की मंशा जल्द एक आसान और साफ कानून लाने की है। साथ ही इसका मतलब यह भी है निकाला जा रहा है कि निवेशकों के लिए कारोबार को आसान बनाने के लिए डायरेक्ट टैक्स की नीति में बदलाव किया जाएगा। 

मूल डायरेक्ट टैक्स कोड (डीटीसी) का प्रस्ताव पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम लाए थे। अरबिंद मोदी ने इस कोड को तैयार करने में पूर्व वित्त मंत्री की काफी मदद की थी। हालांकि बिल में आगे कई बदलाव भी किए गए लेकिन यह संसद से पास नहीं हो सका था। एेसे में जानकारों की मानें तो डीटीसी से ना केवल वित्तीय काम आसान हो जाएगा बल्कि इससे लोगों को टैक्स भी कम देना होगा।

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