किसानों के लिए मोदी सरकार ने दी खुशखबरी, 14 खरीफ फसलों 50 से 83 फीसदी तक पर बढ़ाया MSP

Monday, Jun 01, 2020 - 06:31 PM (IST)

नई दिल्लीः सरकार ने वर्ष 2020- 21 के लिए खरीफ फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) तय कर दिए हैं और आज 14 प्रकार की फसलों के लिए लागत से 50 प्रतिशत से 83 प्रतिशत अधिक मूल्य घोषित किये। सरकार ने किसानों को और राहत देते हुए तीन लाख रुपए तक के अल्पावधि कृषि ऋण की अदायगी की तिथि 31 मई से बढ़ाकर 31 अगस्त कर दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल की सोमवार को यहां हुई बैठक में इन आशय के प्रस्तावों को मंजूरी दी गई। 

बैठक के बाद कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने एक संवाददाता सम्मेलन में बताया कि कृषि मूल्य लागत आयोग की सिफारिश पर सामान्य धान के लागत का 50 प्रतिशत मुनाफा निर्धारित कर इसका एमएसपी 1868 रुपए प्रति क्विंटल तय किया गया है। उन्होंने बताया कि संकर ज्वार का एमएएसपी लागत मूल्य पर 50 प्रतिशत मुनाफा देकर 2620 रुपए प्रति क्विंटल तथा बाजरा के लागत मूल्य पर 83 प्रतिशत मुनाफा देकर 2150 रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है। इसी प्रकार से रागी के लागत मूल्य पर 50 प्रतिशत, मक्का में 53 प्रतिशत, अरहर में 58 प्रतिशत, मूंग में 50 प्रतिशत, उडद में 64 प्रतिशत, सूरजमुखी में 50 प्रतिशत, सोयाबीन में 50 प्रतिशत और कपास में 50 प्रतिशत की वृद्धि कर एमएसपी निर्धारित किया गया है।

सरकार ने धान ए ग्रेड का एमएसपी 1888, रागी का 3295, मक्का का 1850,अरहर का 6000,मूंग का 7196, उड़द का 6000,मूंगफली का 5275, सूरजमुखी का 5885,और सोयाबीन का 3880 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया है। सरकार ने कपास (मध्यम रेशे) 5515 और लंबे रेशे का मूल्य 5825 रुपये प्रति गांठ तय किया है। कृषि मंत्री ने कहा कि इस वर्ष रबी फसलों की रिकॉर्ड पैदावार हुई है और न्यूनतम समर्थन मूल्य पर उसकी खरीद भी की जा रही है। उन्होंने कहा कि सरकार ने किसानों की समस्याओं के समाधान का हरसंभव प्रयास किया है।

तोमर ने यह भी कहा कि केन्द्र सरकार ने किसानों के तीन लाख रुपए तक के अल्पावधि ऋण की अदायगी की तिथि 31 मई से बढ़ाकर 31 अगस्त कर दी है। उन्होंने बताया कि जो किसान 31 अगस्त तक अपना ऋण चुकाएंगे, उन्हें तीन प्रतिशत ब्याज की रियायत मिलेगी। इस कदम से किसानों को ऋण अदायगी समय सीमा में करने का प्रोत्साहन मिलेगा। इस निर्णय का फायदा उन अल्पावधि कृषि ऋण लेने वालों को मिलेगा जिन्हें ऋण की अदायगी एक मार्च 2020 से 31 अगस्त 2020 तक के बीच करनी है। किसानों को अल्पावधि कृषि ऋण पर नौ प्रतिशत का ब्याज देना होता है। उन्हें बैंकों द्वारा ब्याज पर दो प्रतिशत की छूट मिलती है जिससे उन्हें व्यावहारिक रूप से सात प्रतिशत ब्याज देना होता है। समयसीमा में अदायगी पर तीन प्रतिशत की अतिरिक्त रियायत मिलती है अर्थात् समय पर कर्ज़ चुकाने वालों को व्यावहारिक रूप से चार प्रतिशत ही ब्याज लगता है।

तोमर ने एक सवाल के जवाब में यह भी बताया कि सरकार किसान क्रेडिट कार्ड का दायरा भी बढ़ाने की तैयारी कर रही है। इस समय सात से साढ़े सात करोड़ किसानों को क्रेडिट कार्ड की सुविधा है। बाकी दो से ढाई करोड़ किसानों को भी जल्द ही क्रेडिट कार्ड जारी किए जाएंगे जिससे किसानों को दो लाख करोड़ रुपए और उपलब्ध हो जाएंगे। एक अन्य सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि किसानों को उनकी फसल का मूल्य तय करने तथा कहीं भी एवं किसी को भी बेचने का अधिकार तय करने के वास्ते केन्द्रीय कानून बनाया जाएगा। इसके लिए राज्यों से भी बातचीत की जाएगी।

 

Yaspal

Advertising