मोदी सरकार ने आशा कार्यकर्ताओं को दिया दिवाली तोहफा, 1000 रुपये बढ़ाया निगरानी यात्रा भत्ता

Wednesday, Oct 24, 2018 - 06:43 PM (IST)

नेशनल डेस्कः प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को हुई कैबिनटे की बैठक में आयुष्मान भारत योजना को प्रोत्साहन देने के लिए आशा कार्यकर्ता का निगरानी भत्ता बढ़ाने का निर्णय किया गया। आशा कार्यकर्ता को अब 5000 रुपए से बढ़कर 6000 रुपए निगरानी यात्रा भत्ता दिया जाएगा। इस प्रस्ताव का अनुमोदन मंत्रिमंडल की आर्थिक मामलों की समिति ने किया है।



कैबिनेट मीटिंग के बाद केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने बताया कि अक्टूबर 2018 से आशा कार्यकर्ता को निगरानी यात्रा भत्ते के तौर पर 250 रुपए प्रतिय यात्रा की जगह पर 300 रुपए प्रति यात्रा दिए जाएंगे। रिपोर्ट के मुताबिक, प्रत्येक आशा कार्यकर्ता हर महीने करीब 20 निगरानी यात्राएं करती हैं, इसके लिए उन्हे अभी तक 5000 रुपए तक प्रति माह नगिरानी भत्ता यात्रा मिल रहा था, जो अब 6000 रुपेय तक हो जाएगा।



कैबिनेट ने यह मंजूरी 2018-19 से 2019-20 तक के लिए दी है। प्रसाद ने बताया कि प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना और प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना में आशा कार्यकर्ता सुविधा प्रदाता है। इसलिए इस कदम से इन कार्यकर्ता को मनोबल बढ़ेगा और वे अपना काम और बेहतर तरीके से कर पाएंगे। बता दें कि इस फैसले से 46.95 करोड़ रुपये का अतिरिक्त भार केंद्र सरकार पर आएगा।



इसके अलावा कैबिनेट ने सार्वजनिक निजी भागीदारी (PPP) मॉडल के जरिए देश के विभिन्न स्थानों में भारतीय कौशल संस्थान स्थापित करने की मंजूरी प्रदान की है. सरकार के मुताबिक, उपलब्ध आधारभूत संरचना और मांग के आधार पर ऐसे संस्थान खोले जाने की संभावनाओं का पता लगाया जाएगा।



पीएम मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट मीटिंग के बाद केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली और रविशंकर प्रसाद द्वारा बताया गया कि कौशल विकास संस्थान के जरिए उच्च गुणवत्ता वाले कौशल प्रशिक्षण अनुसंधानपरक शिक्षा तथा उद्योग जगत से व्यावहारिक तरीके से सीधे जुड़ने का अवसर उपलब्ध कराए जाएंगे। कानपुर समेत विभिन्न स्थानों पर ऐसे संस्थान  खोलकर भारतीय अर्थव्यवस्था के मुख्य क्षेत्रों को वैश्विक प्रतिस्पर्धा में टिके रहने में सक्षम बनाया जाएगा।



केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह देशभर में आकांक्षी युवाओं को अत्यधिक कुशल प्रशिक्षण उपलब्ध कराने के साथ ही उद्योग जगत के साथ सीधे जुड़ने का अवसर भी देगा, ताकि वे वैश्विक स्तर पर सभी क्षेत्रों में प्रतिस्पर्धी बन सकें। उन्होंने कहा कि निजी क्षेत्र के फायदों और भूमि के रूप में सरकारी पूंजी के माध्यम से इस योजना के तहत विशेषज्ञता, ज्ञान और प्रतिस्पर्धी क्षमता वाले नए संस्थान स्थापित किए जा सकेंगे। उल्लेखनीय है कि सरकार का जोर कौशल विकास के जरिए रोजगार को बढ़ावा देना है, जिसके लिए NIIT आयोग द्वारा संस्थान खोलने की सिफारिश पहले की गई थी। 

Yaspal

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