ऑफ द रिकार्ड: कैसे विपक्ष ने की राज्यसभा में नागरिकता बिल पास कराने में मोदी सरकार की मदद

Saturday, Dec 14, 2019 - 09:34 AM (IST)

नई दिल्ली: विपक्ष चाहता तो राज्यसभा में केंद्र सरकार के नागरिकता संशोधन बिल (कैब) का कड़ा विरोध कर सकता था। विपक्ष के अनुपस्थित रहने वाले सांसद की उपस्थिति न होना व शिवसेना के तीनों राज्यसभा सांसदों संजय राऊत, अनिल देसाई और राजकुमार धूत ने बिल को जब बुधवार को मतदान के लिए रखा तो वह राज्यसभा से वॉकआऊट कर गए। 


वहीं शिवसेना ने लोकसभा में बिल के लिए मतदान किया और जब कांग्रेस ने महाराष्ट्र में उद्धव ठाकरे सरकार पर अपना रुख नहीं बदलने पर ऐतराज जताया तो शिवसेना ने 180 डिग्री का मोड़ लिया और 3 सांसदों ने वॉकआऊट कर भाजपा को नागरिकता संशोधन बिल को भारी अंतर से पारित कराने में मदद की। कैब को राज्यसभा में 125 मतों से पारित किया गया, जिसमेंएन.डी.ए. के पास केवल 99 वोट थे। इसने 26 अतिरिक्त वोट हासिल किए, जबकि 4 एन.डी.ए. समर्थक सांसद गंभीर स्वास्थ्य कारणों के कारण अनुपस्थित थे। 

वहीं शरद पवार के नेतृत्व वाली राकांपा के 2 वरिष्ठ नेताओं ने भी मोदी सरकार की मदद की क्योंकि जब कैब को राज्यसभा में वोटिंग के लिए रखा गया तो माजिद मेमन और वंदना चव्हाण भी अनुपस्थित थे। हालांकि शरद पवार और प्रफुल्ल पटेल मौजूद थे। वहीं बहुजन समाज पार्टी के 4 में से 2 सदस्य भी बिना किसी स्पष्टीकरण के अनुपस्थित थे और टी.एम.सी. के के.डी. सिंह के साथ भी ऐसा ही हुआ था, जिन्होंने अचानक बी.पी. हाई होने की जानकारी दी। इस पर टी.एम.सी. नेतृत्व ने उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। 

 

 





समाजवादी पार्टी के बेनी प्रसाद वर्मा भी राज्यसभा में अनुपस्थित थे। कांग्रेस पार्टी के एक सदस्य मुकुट मीठी भी मतदान के समय अनुपस्थित रहे। वर्तमान में राज्यसभा में 240 सदस्य हैं, जिनमें 5 पद रिक्त हैं। ए.आई.ए.डी.एम.के. (11), बीजू जनता दल (7), टी.डी.पी. (2) और कई अन्य लोगों ने बिल को सुचारू रूप से पारित करने में भाजपा की मदद की, लेकिन पी.एम. मोदी और अमित शाह को मुस्कुराने के लिए विपक्ष के खेमे में फूट उजागर हुई।


 

Pardeep

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