जम्मू-कश्मीर पर अमित शाह की बड़ी बैठक, परिसीमन पर रोक हटाने की तैयारी में केंद्र सरकार

Tuesday, Jun 04, 2019 - 04:27 PM (IST)

नई दिल्लीः गृहमंत्री अमित शाह ने जब से कार्यभार संभाला है, वे जम्मू-कश्मीर में आंतरिक सुरक्षा को लेकर लगातार बैठकें कर रहे हैं। मंगलवार को भी शाह ने गृह सचिव राजीव गौबा, एडिशनल सचिव (कश्मीर) ज्ञानेश कुमार समेत कई अफसरों के साथ मीटिंग की और कश्मीर के हालात पर चर्चा की। बैठक में जम्मू-कश्मीर में नए सिरे से परिसीमन और इसके लिए आयोग गठन पर विचार किया गया। साथ ही कुछ सीटें अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित रखने पर भी चर्चा हुई। वहीं शाह ने नए सिरे से परिसीमन के गठन पर राज्यपाल सत्यपाल मलिक से बात भी की।


कई सालों से हो रही परिसीमन की मांग
कई सालों से जम्मू-कश्मीर में विधानसभा सीटों के नए सिरे से परिसीमन की मांग की जाती रही है, इसके पीछे सभी जातियों को राज्य विधानसभा में प्रतिनिधित्व देने की मंशा थी। इससे पहले सूबे में आखिरी बार 1995 में परिसीमन किया गया था, जब गवर्नर जगमोहन के आदेश पर जम्मू-कश्मीर में 87 सीटों का गठन किया गया। जम्मू-कश्मीर में सीटों का परिसीमन 2005 में किया जाना था, लेकिन फारुक अब्दुल्ला सरकार ने 2002 में इस पर 2026 तक के लिए रोक लगा दी थी। कश्मीर घाटी में अनुसूचित जाति और जनजातियां न होकर गुर्जर, बकेरवाल और गढ़रिये हैं जिनकी 11 फीसदी आबादी को 1991 में अनुसूचित जनजाति का दर्जा दिया गया था लेकिन इनका विधानसभा में राजनीतिक प्रतिनिधित्व नहीं है।

मौजूदा समय में कश्मीर से 46, जम्मू से 37 और लद्दाख से 4 विधानसभा सीटें हैं। सूत्रों के मुताबिक, इस आयोग की रिपोर्ट के बाद जम्मू-कश्मीर के विधानसभा क्षेत्रों के आकार पर विचार हो सकता है और साथ में कुछ सीटें SC कैटगरी के लिए रिज़र्व की जा सकती हैं। इसे पहले गृहमंत्री शाह ने अमरनाथ यात्रा के मद्देनजर सुरक्षा इंतजामों पर जानकारी ली, साथ ही घाटी में आतंकियों के खिलाफ जारी ऑपरेशन की रिपोर्ट ली।

Seema Sharma

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