मोदी सरकार ने 16 और यूट्बूय चैनल को किया बैन, 6 पाकिस्तानी चैनल भी शामिल
Monday, Apr 25, 2022 - 06:34 PM (IST)
नेशनल डेस्कः सरकार ने देश की राष्ट्रीय सुरक्षा, विदेश संबंधों और सार्वजनिक व्यवस्था से संबंधित भ्रामक सूचनाएं फैलाने के मामले में एक फेसबुक अकाउंट और 16 यूट्यूब चैनलों पर सोमवार को रोक लगा दी। इन चैनलों में से छह पाकिस्तान से संचालित हो रहे थे। एक आधिकारिक बयान में यह जानकारी दी गई।
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि जिन यूट्यूब चैनलों और फेसबुक खाते पर रोक लगाई गई है उनकी कुल दर्शक संख्या (व्यूवरशिप) 68 करोड़ से अधिक थी और ये चैनल एवं खाता ‘‘भारत में सार्वजनिक व्यवस्था को बिगाड़ने और सांप्रदायिक सौहार्द में खटास पैदा करने तथा भय का माहौल बनाने के लिए गलत, असत्यापित जानकारी फैला रहे थे।'' इसमें कहा गया, ‘‘इनमें से किसी भी डिजिटल समाचार प्रकाशक ने मंत्रालय को सूचना प्रौद्योगिकी नियम, 2021 के नियम 18 के तहत आवश्यक जानकारी नहीं दी थी।''
Ministry of Information and Broadcasting blocks 16 YouTube news channels - 10 Indian and 6 Pakistan-based - for spreading disinformation related to India’s national security, foreign relations and public order: Government of India pic.twitter.com/4s5Cx9tCVO
— ANI (@ANI) April 25, 2022
इससे पहले केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने देश की राष्ट्रीय सुरक्षा और अन्य देशों के साथ संबंधों के अलावा सार्वजनिक व्यवस्था से संबंधित दुष्प्रचार फैलाने के मामले में सोशल मीडिया प्लेटफार्म यूट्यूब के 22 चैनलों को ब्लॉक किया था। पिछले साल फरवरी में आईटी नियम-2021 की अधिसूचना जारी होने के बाद से भारतीय यूट्यूब चैनलों पर यह पहली कार्रवाई मंत्रालय ने बताया था कि सूचना प्रौद्योगिकी नियम-2021 के तहत समाचार आधारित 18 भारतीय यूट्यूब चैनल समेत पाकिस्तान स्थित चार अन्य चैनलों को ब्लॉक करने के आदेश जारी किये गये हैं।
इसके अलावा तीन ट्विटर अकाउंट , एक फेसबुक अकाउंट और एक न्यूज वेबसाइट को भी ब्लॉक किया गया था। भारतीय सशस्त्र बलों और जम्मू कश्मीर के संबंधित विभिन्न मुद्दों के अलावा विदेशी संबंधों को लेकर फर्जी समाचार पोस्ट किये करने के लिए इन चैनलों का उपयोग किया गया था। मंत्रालय ने बताया कि ये चैनल कुछ भारतीय टीवी समाचार चैनलों के टेम्प्लेट और लोगों का उपयोग कर रहे थे, जिसमें उनके समाचार प्रस्तोताओं की तस्वीरें भी शामिल थीं। ऐसा दर्शकों को यह विश्वास दिलाने के लिए किया जाता रहा है कि ये समाचार प्रामाणिक हैं।