गुजरात में राहुल से भयभीत मोदी

Saturday, Nov 04, 2017 - 11:46 PM (IST)

नई दिल्ली: गुजरात विधानसभा चुनावों में हर दिन भाजपा के लिए काफी कठिन स्थिति बनती जा रही है। कांग्रेस नेतृत्व ने हिमाचल प्रदेश से अपना पल्ला झाड़ लिया है और मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह को खुली छूट दे दी है कि वह जो चाहें जीत के लिए करें। राहुल ब्रिगेड राज्य में 20 से अधिक सीटों पर ध्यान दे रही है मगर गुजरात में इसकी तस्वीर एकदम अलग है। मोदी अब राहुल का मजाक नहीं उड़ाते और उन्हें पप्पू कहना भी बंद कर दिया है।


 इसका कारण यह है कि गुजरात में मोदी और राहुल के बीच तीखी लड़ाई है तथा कांग्रेस उपाध्यक्ष सोशल मीडिया अभियान में काफी आगे चल रहे हैं और लोगों के साथ भावनात्मक संबंध जोडऩे की कोशिश कर रहे हैं। राज्य में इसकी किसी को परवाह नहीं कि मुख्यमंत्री पद के लिए कांग्रेस का चेहरा कौन होगा या फिर क्या रूपानी चुनावों के बाद दोबारा मुख्यमंत्री पद पर बने रहेंगे। 40 महीनों में पहली बार मोदी और राहुल गांधी आमने-सामने डटे हुए हैं। अगर मोदी चुनाव प्रचार के 8 दिनों के दौरान 50 रैलियां संबोधित करने जा रहे हैं तो राहुल भी इतनी ही संख्या में रैलियों को संबोधित करेंगे। 


वास्तव में 4 युवा नेता हाॢदक पटेल, अल्पेश ठाकोर, जिग्नेश और विकास भाजपा को पराजित करने के लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं। ऐसी चर्चा है कि राहुल गांधी ने उनको बता दिया है कि उनके समर्थकों को उनके मजबूत आधार वाले निर्वाचन क्षेत्रों में टिकट दिया जाएगा। कांग्रेस अपने सभी निवर्तमान 42 विधायकों को टिकट देगी और अन्य 80 सीटों पर चुनाव लड़ेगी जबकि बाकी की 60 सीटें उन युवा नेताओं को दी जाएंगी जो कांग्रेस के चुनाव चिन्ह पर चुनाव लड़ेंगे। कांग्रेस मुख्यमंत्री पद के लिए किसी भी नेता को प्रोजैक्ट नहीं करेगी। भाजपा के लिए यह एक बहुत ही पेचीदा स्थिति है जिसे आर.एस.एस. और 2 सरकारों का समर्थन प्राप्त है।

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