ऑफ द रिकॉर्डः मोदी ने पड़ोसी देशों को समझाया, भारत का ‘टीका सुरक्षित व सस्ता’

Saturday, Jan 09, 2021 - 05:44 AM (IST)

नई दिल्लीः ऐसी संभावना है कि सीरम इंस्टीच्यूट द्वारा निर्मित कोरोना टीका कोविशील्ड केंद्र सरकार की निगरानी में बंगलादेश को निर्यात किया जाए। बंगलादेश के अलावा यह टीका श्रीलंका, मालदीव, नेपाल सहित अन्य पड़ोसी देशों को भी दिया जाएगा। असल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिना शोर-शराबा किए प्राइवेट कंपनियों के साथ मिलकर टीके का पत्ता खेला है। 

उन्होंने विभिन्न देशों को इस बात के लिए कायल कर लिया है कि भारत में बना कोरोना टीका पूरी तरह सुरक्षित होगा और वह सभी अंतर्राष्ट्रीय मानकों को पूरा करेगा। इतना ही नहीं, भारत का टीका पश्चिमी फार्मा कंपनियों द्वारा उत्पादित टीके से सस्ता भी होगा। जब प्रधानमंत्री मोदी ने 15 अगस्त, 2020 को लाल किले की प्राचीर से कहा था कि भारत वैक्सीन सप्लाई करने वाला वैश्विक सप्लायर बनेगा तो किसी ने भी विश्वास नहीं किया था। 

उन्होंने 28 नवम्बर को खुद पुणे, हैदराबाद, अहमदाबाद की कंपनियों के वैक्सीन प्लांट देखे। इसके बाद उन्होंने कड़े प्रयास करके 9 दिसम्बर को 64 देशों के दूतों को इन प्लांटों में बुलाया जहां उन्होंने कोरोना वैक्सीन बनते हुए अपनी आंखों से देखी। इसी योजना के तहत विदेश मंत्री एस. जयशंकर कल श्रीलंका पहुंचे और वहां उन्होंने कई अन्य मामलों के अलावा भारतीय कोरोना टीकों की सप्लाई को लेकर भी बातचीत की। 

भारत में टीकाकरण के पहले चरण में लगभग 70 लाख हैल्थ वर्करों को टीका लगाने के लिए सरकार सीरम इंस्टीच्यूट से केवल 10 मिलियन डोज खरीदेगी। पहले चरण के लिए इतनी संख्या में डोज पहली डोज (2 डोज लगने पर पूरा टीका लगता है) के लिए पर्याप्त होंगे। लगभग 2 सप्ताह बाद 2 करोड़ फ्रंट वर्करों को यह टीका लगाया जाएगा। सरकार इन दो वर्गों के वर्करों को भारत बायोटैक का टीका लगाने को वरीयता देगी। भारत बायोटैक ने भी 1 करोड़ डोज तैयार कर लिए हैं जो सप्लाई के लिए तैयार हैं। भारत बायोटैक का टीका मुख्य रूप से दक्षिण राज्यों में लगाया जाएगा।  

 

Pardeep

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