मोदी ने सोच का पैमाना बदला, महामारी को भारत के लिए एक अवसर में बदल दिया: अमित शाह

Monday, Feb 07, 2022 - 10:04 PM (IST)

नई दिल्लीः केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्पष्ट कर दिया है कि नए भारत को बाधाओं और नकारात्मकता से नहीं रोका जा सकता है तथा उन्होंने देश की सोच के पैमाने को बदल दिया है जिससे भारत ने सदी की सबसे बड़ी महामारी को अवसर में बदल दिया। बजट सत्र की शुरुआत में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर बहस का जवाब देते हुए लोकसभा में दिए गए प्रधानमंत्री के भाषण का ट्विटर पर एक लिंक साझा करते हुए गृह मंत्री ने सभी से मोदी का भाषण सुनने की अपील की। 

शाह ने हिंदी में ट्वीट किया, ‘ नरेंद्र मोदी जी ने स्पष्ट बताया कि नया भारत किसी भी विघ्न और नकारात्मकता से रुकने वाला नहीं है। मोदी जी ने देश में सोचने के पैमाने को बदला है, जिससे भारत ने सदी की सबसे बड़ी आपदा को अवसर में बदलकर सुनहरे आत्मनिर्भर कल की नींव रखी। इस भाषण को अवश्य सुनें।'' 

प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में कहा कि भारत जिस तरह से कोविड-19 महामारी से निपटा वह दुनिया के लिए एक उदाहरण है। उन्होंने अपनी सरकार की 'मेक इन इंडिया' पहल पर सवाल उठाने को लेकर कांग्रेस पर निशाना साधा और उस पर अलगाववाद को भड़काने तथा "अंध विरोध" में शामिल होने का आरोप लगाया। मोदी ने कहा कि कांग्रेस को दशकों से अनेक राज्यों की जनता नकार चुकी है लेकिन उसका अहंकार नहीं जाता और वह अब भी ‘अंध विरोध' में लगी है। 

उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि उसने (कांग्रेस ने) मन बना लिया है कि उसे 100 साल तक सत्ता में नहीं आना है। राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा का लोकसभा में जवाब देते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘‘ कोरोना काल के बाद दुनिया एक नयी व्यवस्था की तरफ बहुत तेजी से आगे बढ़ रही है। भारत को इस अवसर को गंवाना नहीं चाहिए।'' मोदी ने लगभग 100 मिनट के अपने भाषण में कहा कि ‘आजादी के अमृत महोत्सव' के बाद देश जब ‘‘आजादी के 100 साल मनाएगा, तब तक हम पूरे सामर्थ्य से, पूरी शक्ति एवं पूरे संकल्प से देश को उच्चतम स्तर पर लेकर पहुंचेंगे।'' 

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘आज विभाजनकारी मानसिकता कांग्रेस के डीएनए में घुस गई है और कांग्रेस की नीति ‘बांटो और राज करो' की बन गई है।'' मोदी ने कहा, ‘‘कांग्रेस पार्टी की सत्ता में आने की इच्छा खत्म हो चुकी है, उसे लगता है कि जब कुछ मिलने वाला नहीं है तो कम से कम बिगाड़ दो... कांग्रेस आज इसी दर्शन पर चल रही है।'' 

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘ हम सब संस्कार से, व्यवहार से लोकतंत्र के लिए प्रतिबद्ध लोग हैं और आज से नहीं, सदियों से हैं। आलोचना जीवंत लोकतंत्र का आभूषण है, लेकिन अंध विरोध लोकतंत्र का अनादर है।'' विपक्ष पर निशाना साधते हुए मोदी ने कहा, ‘‘ दुर्भाग्य यह है कि आपमें से बहुत से लोग ऐसे हैं जिनका कांटा 2014 में अटका हुआ है और उससे वो बाहर नहीं निकल पा रहे हैं। उसका नतीजा भी आपको भुगतना पड़ा है।'' 

Pardeep

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