मोदी नहीं कर सके युवाओं के लिए ये काम, सपना आज भी अधूरा

Friday, Aug 11, 2017 - 06:11 PM (IST)

नई दिल्लीः साल 2014 के चुनावों के दौरान पीएम पद के उम्मीदवार और मौजूदा पीएम नरेंद्र मोदी ने युवा बेरोजगारों से प्रति वर्ष 1 करोड़ लोगों को नौकरी देने का वादा किया था लेकिन ऐसा नहीं हुआ। मोदी का युवाओ के लिए देखा ये सपना अधूरा रह गया। इसका खुलासा एक सर्वे में हुआ है। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकॉनोमी (सी.एम.आई.ई.) के मुताबिक, जनवरी 2017 में देश में कुल 40.84 करोड़ लोगों के पास रोजगार था जिनकी संख्या जुलाई 2017 में घटकर 40.54 करोड़ रह गई। यानी सात महीने के अंतराल में रोजगार में करीब 30 लाख की गिरावट दर्ज की गई है।

जनवरी 2017 में नौकरी ढूंढ़ने वाले बेरोजगारों की संख्या 2.59 करोड़ थी जो जुलाई में घटकर 1.37 करोड़ रह गई। यानी बेरोजगारों में अब नौकरी को लेकर ज्यादा आकर्षण नहीं रहा। भारत में युवाओं के बीच नौकरी को लेकर नया ट्रेंड स्थापित हुआ है। युवाओं में अब नौकरी के प्रति आकर्षण घटा है। शायद यही वजह है कि बेरोजगार युवक फिलहाल नौकरियां नहीं ढूंढ रहे हैं। 

अब सवाल उठता है कि बेरोजगार युवकों ने नौकरियां ढूंढ़नी क्यों कम कर दी? इसकी एक वजह तो यह सामने आई है कि अब युवा नौकरी से ज्यादा अपना व्यवसाय शुरू करना चाहते हैं। इनके अलावा सरकारी योजनाओं की वजह से भी रोजगार के प्रति नरमी पैदा हो सकती है। मौजूदा केंद्र सरकार ने विभिन्न योजनाओं के माध्यम से इन्टरप्रेन्योरशिप को बढ़ावा दिया है और शायद इस वजह से युवा किसी के नियंत्रण में रहकर नौकरी करने के बजाय अपना छोटा व्यवसाय करना बेहतर समझ रहे हैं।

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