गुरदासपुर स्टेट यूनिवर्सिटी में आधुनिक कोर्स शुरू किए जाएंगे

punjabkesari.in Saturday, Jul 12, 2025 - 07:53 PM (IST)


चंडीगढ़, 12 जुलाई:(अर्चना सेठी) पंजाब के तकनीकी शिक्षा और औद्योगिक प्रशिक्षण मंत्री  हरजोत सिंह बैंस ने  बेअंत सिंह स्टेट यूनिवर्सिटी, गुरदासपुर को राज्य में उच्च शिक्षा का एक प्रमुख केंद्र बनाने के उद्देश्य से इस अकादमिक सत्र से विश्वविद्यालय में आधुनिक और उद्यमशीलता पर केंद्रित कोर्स शुरू करने के निर्देश दिए हैं ताकि ‘भविष्य के लिए तैयार’ स्नातक तैयार किए जा सकें।

बैंस ने यहां अपने कार्यालय में यूनिवर्सिटी के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स की दूसरी बैठक की अध्यक्षता करते हुए अधिकारियों को विद्यार्थियों के समग्र विकास के लिए विद्यार्थी-केंद्रित शिक्षण माहौल सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि पंजाब सरकार शैक्षणिक संस्थानों को अत्याधुनिक बुनियादी ढांचे से सुसज्जित करने के लिए लगातार प्रयासरत है।

दाख़िलों में बढ़ोतरी व रणनीतिक योजना पर ज़ोर देते हुए स बैंस ने यूनिवर्सिटी में दाख़िलों में और वृद्धि के निर्देश देते हुए कहा कि शिक्षा के स्तर को और ऊंचा उठाने के लिए रणनीतिक योजना बनाते समय दाख़िलों से जुड़े रुझानों का विस्तृत और सटीक डेटा संकलित किया जाना चाहिए।

रोज़गार और स्टार्टअप्स पर ध्यान
मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार का फोकस रोज़गार और स्टार्टअप्स पर है। उन्होंने ज़ोर दिया कि प्रत्येक विद्यार्थी को उद्यमशीलता, स्टार्टअप्स और रोज़गार की दिशा में सक्षम बनाया जाए। विद्यार्थियों को नए बिज़नेस आइडिया विकसित करने और सार्थक रोज़गार के लिए प्रेरित किया जाए और ऐसे प्रयासों का सुव्यवस्थित डाटा संग्रह किया जाए।

उन्होंने यह भी कहा कि विद्यार्थियों को आधुनिक ज़रूरतों के अनुरूप नौकरी और तकनीकी दृष्टिकोण से कुशल बनाने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, डेटा साइंस और फिनटेक जैसे उन्नत प्रोग्रामों को अकादमिक पाठ्यक्रमों में शामिल किया जाए। साथ ही, उद्योगपतियों, वाइस चांसलरों, प्रमुख संस्थाओं के निदेशकों, विषय विशेषज्ञों और विभिन्न क्षेत्रों की प्रतिष्ठित हस्तियों को विश्वविद्यालय में बुलाया जाए ताकि वे विद्यार्थियों के साथ अपना अनुभव साझा कर सकें, उनकी अकादमिक समझ बढ़ा सकें और उन्हें जीवन में बड़े सपने देखने के लिए प्रेरित करें।

 बैंस ने व्यापक फैकल्टी प्रशिक्षण व विकास कार्यक्रमों की महत्ता पर बल देते हुए कहा कि शोध किसी भी विश्वविद्यालय का अहम हिस्सा है, जो उसकी गुणवत्ता और पहचान को दर्शाता है। उन्होंने विश्वविद्यालय से आग्रह किया कि वह क्षेत्रीय आधार पर अनुसंधान क्षेत्रों की पहचान करे और स्थानीय प्रशासन के साथ मिलकर ऐसे शोध करें जो सीधे स्थानीय समुदाय को लाभ पहुंचाएं और क्षेत्रीय विकास में सहायक बनें।

यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ. एस.के. मिश्रा ने तकनीकी शिक्षा मंत्री को अवगत करवाया कि विश्वविद्यालय ड्रोन टेक्नोलॉजी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और रोबोटिक्स जैसी उभरती तकनीकों में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्थापित करने की योजना बना रही है। यह केंद्र कौशल विकास, अनुसंधान, नवाचार और एक जीवंत स्टार्टअप ईकोसिस्टम को विकसित करने पर केंद्रित होगा।

इस बैठक में तकनीकी शिक्षा और औद्योगिक प्रशिक्षण विभाग के निदेशक मोनीश कुमार, आई.के. गुजराल पंजाब टेक्निकल यूनिवर्सिटी के कुलपति डॉ. सुशील मित्तल, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट अमृतसर के निदेशक डॉ. समीर श्रीवास्तव, कॉन्फेडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री के प्रमुख श्री जगमीत बेदी, एस.बी.एस.यू. के रजिस्ट्रार डॉ. अजय महाजन और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।


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Content Editor

Archna Sethi

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