मिशन 2019: अबकी बार मोदी कैसे करेंगे धुआंधार प्रचार?, 2014 में की थी 5,827 सभाएं

Wednesday, Dec 26, 2018 - 11:32 AM (IST)

नई दिल्लीः लोकसभा चुनाव 2019 दस्तक दे रहा है और साथ ही राजनीतिक गलियारे में हलचल शुरू हो गई है। पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव खत्म होने के साथ ही अब आम चुनाव का भी बिगुल बजने वाला है। 13 सितंबर, 2013 को भाजपा ने जैसे ही गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को अप्रैल-मई 2014 में होने वाले लोकसभा चुनावों के लिए अपना प्रधानमंत्री उम्मीदवार घोषित किया था तो इसके तुरंत बाद ही सियासी सरगर्मियां शुरू हो गई थीं।

पीएम पद के लिए अपना नाम घोषित होने के 48 घंटे बाद ही नरेंद्र मोदी ने चुनाव प्रचार में अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी। उन्होंने अपने पहली चुनावी रैली 15 सितंबर को हरियाणा के रेवाड़ी में की थी। सत्ता में आने के लिए और भाजपा को बड़ी जीत दिलवाने के मोदी ने दिन-रात एक कर दिया था और जैसा प्रचार किया था उसके परिणाम भी सबके सामने आए थे। वहीं मोदी इस बार 4 जनवरी 2019 को असम की बराक घाटी में सिलचर से चुनाव प्रचार की शुरुआत कर रहे हैं। अगर अप्रैल-मई 2019 के बीच लोकसभा चुनाव हुए तो मोदी के पास प्रचार के लिए बहुत ही कम समय पड़ा है।

मोदी का बिजी शेड्यूल
2019 के लिए क्या मोदी 2014 का फार्मूला अपनाएंगे, यह सवाल सभी के जेहन में है। दरअसल इस समय शीतकाली संसद सत्र, उसके बाद बजट के विशेष सत्र के अलावा कई ऐसे कार्य़क्रम हैं जहां मोदी के व्यस्त होने की संभावना और ऐसे में चुनाव प्रचार के लिए उनकी कितनी उपलब्धता होती है इस पर सभी का ध्यान है।

2014 के लिए मोदी ने किए थे ताबड़तोड़ कार्यक्रम
नरेंद्र मोदी ने सितंबर 2013 से मई 2014 तक पूरे देश में रैलियां, चुनावी कार्यक्रम, थ्री डी रैलियां और चाय पर चर्चा को मिलाकर कुल 5,827 कार्यक्रम किए गए थे। जम्मू-कश्मीर से कन्याकुमारी और अमरेली से अरुणाचल प्रदेश तक मोदी ने कुल 437 विशाल जनसभाएं की थीं और देश के 21 राज्यों में 38 विशाल रैलियां की थीं। उन्होंने सबसे ज्यादा चुनाव प्रचार उत्तर प्रदेश में किया था। वहां उन्होंने 8 रैलियां की थीं। कर्नाटक में 4 और बिहार में 3 रैलियों को संबोधित किया था। इतना ही नहीं उन्होंने चुनाव प्रचार के दौरान 25 राज्यों का दौरा किया था।

Seema Sharma

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