नौसेना के बेड़े में शामिल हुआ विध्वंसक युद्धपोत मोरमुगाओ, रक्षा मंत्री बोले- भारत की समुद्री ताकत होगी मजबूत

Sunday, Dec 18, 2022 - 12:50 PM (IST)

नेशनल डेस्क: स्वदेश निर्मित मिसाइल विध्वंसक ‘आईएनएस मोर्मूगाओ' को रविवार को भारतीय नौसेना में शामिल किया गया। ‘आईएनएस मोर्मूगाओ' को सेना में शामिल किए जाने के लिए मुंबई में आयोजित कार्यक्रम के दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार और गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत भी उपस्थित रहे। सिंह ने कहा कि युद्धपोत को शामिल किए जाने से भारत की समुद्री ताकत मजबूत होगी।


भारत की समुद्री क्षमता में होगी बढ़ोतरी: रक्षा मंत्री
नौसेना के बेड़े में मिसाइल विध्वंसक INS मोरमुगाओ के शामिल होने पर आयोजित समारोह में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि INS मोरमुगाओ भारत में निर्मित सबसे शक्तिशाली युद्धपोत में से एक है। यह भारत की समुद्री क्षमता में बढ़ोतरी करेगा। MDSL द्वारा इस युद्धपोत को तैयार किया गया है जोकि स्वदेशी रक्षा उत्पादन क्षमता का एक बड़ा उदाहरण पेश करती है।  
 

रक्षा मंत्री ने ‘आईएनएस मोर्मूगाओ' को प्रौद्योगिकी आधार पर सबसे उन्नत युद्धपोत बताया। सिंह ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था दुनिया की पांच शीर्ष अर्थव्यवस्थाओं में शामिल है और विशेषज्ञों के अनुसार यह 2027 में शीर्ष तीन में शामिल हो जाएगी। नौसेना प्रमुख ने कहा कि युद्धपोत को गोवा मुक्ति दिवस की पूर्व संध्या पर नौसेना में शामिल किया जाना पिछले एक दशक में युद्धपोत डिजाइन और निर्माण क्षमता में हुई बड़ी प्रगति की ओर इशारा करता है। 

आज का दिन एक और मील का पत्थर- नौसेना प्रमुख
नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार ने कहा कि  स्वदेशी युद्धपोत निर्माण के इतिहास में आज का दिन एक और मील का पत्थर है क्योंकि हमने विध्वंसक मोरमुगाओ को चालू किया है, खासकर जब हमारी सिस्टर शिप विशाखापत्तनम को एक साल पहले ही भारतीय नौसेना में शामिल किया गया था। नौसेना प्रमुख ने कहा कि यह उपलब्धि पिछले दशक में युद्धपोत डिजाइन और निर्माण क्षमता में हमारे द्वारा उठाए गए बड़े कदमों का संकेत है।
 

युद्धपोत की खूबियां
भारतीय नौसेना के अनुसार, यह युद्धपोत दूरसंवेदी उपकरणों, आधुनिक रडार और सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल और सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल जैसी हथियार प्रणालियों से लैस है। नौसेना ने बताया कि इस युद्धपोत की लंबाई 163 मीटर, चौड़ाई 17 मीटर तथा वजन 7,400 टन है। इसे भारत द्वारा निर्मित सबसे घातक युद्धपोतों में गिना जा सकता है। पश्चिमी तट पर स्थित ऐतिहासिक गोवा बंदरगाह शहर के नाम पर मोर्मूगाओ नाम रखा गया है।

संयोग से यह पोत पहली बार 19 दिसंबर, 2021 को समुद्र में उतरा था, जिस दिन पुर्तगाली शासन से गोवा की मुक्ति के 60 वर्ष पूरे हुए थे। मोर्मूगाओ ‘विशाखापत्तनम' श्रेणी के चार विध्वंसकों में से दूसरा विध्वंसक है। इसका डिजाइन भारतीय नौसेना के स्वदेशी संगठन ने तैयार किया है तथा निर्माण मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड ने किया है।

 

 

rajesh kumar

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