चमत्कार ! बिना किसी ड्राइवर के फैक्ट्री से सीधे ग्राहक के पहुंची Tesla, जानें कीमत और फीचर्स

punjabkesari.in Monday, Jun 30, 2025 - 02:00 PM (IST)

नेशनल डेस्क: दुनिया में पहली बार ऐसा हुआ है जब एक कार बिना किसी ड्राइवर, रिमोट कंट्रोल या ऑपरेटर के खुद चलकर सीधे फैक्ट्री से ग्राहक के घर तक डिलीवर हुई। यह कार Tesla की पूरी तरह से ऑटोनॉमस इलेक्ट्रिक कार है, जिसकी पहली डिलीवरी हाल ही में टेक्सास (Texas) में हुई। यह ऐतिहासिक पल टेस्ला के सीईओ Elon Musk के जन्मदिन पर हुआ, जिसने इसे और भी खास बना दिया।

कैसे काम करती है यह ड्राइवरलेस कार?

टेस्ला की यह ड्राइवरलेस कार एक एडवांस AI-आधारित फुल सेल्फ ड्राइविंग (FSD) तकनीक से लैस है, जो इसे बिना ड्राइवर के खुद चलने की क्षमता देती है। यह तकनीक कार को कई तरह से स्मार्ट बनाती है:

  • यातायात सिग्नल पहचानना: यह कार ट्रैफिक सिग्नल को आसानी से पहचान सकती है।
  • सुरक्षित ड्राइविंग: सामने पैदल चलने वालों और अन्य वाहनों को देखकर अपने आप रुक जाती है और फिर सुरक्षित रूप से आगे बढ़ती है।
  • शहर से हाईवे तक नेविगेशन: यह कार शहर की भीड़-भाड़ वाली सड़कों से लेकर हाईवे तक, बिना किसी मानवीय हस्तक्षेप के खुद को नेविगेट कर सकती है।
  • ट्रैफिक नियमों का पालन: यह सभी ट्रैफिक नियमों का पूरी तरह से पालन करती है।
  • एडवांस फीचर्स: लेन बदलने, ऑटो ब्रेकिंग और पार्किंग जैसी गतिविधियां भी यह कार खुद-ब-खुद कर लेती है।

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कीमत और उपलब्धता: टोयोटा फॉर्च्यूनर के बराबर

 टेस्ला की यह अत्याधुनिक तकनीक भारत में उपलब्ध नहीं है। यदि कोई ग्राहक इसे इंपोर्ट करना चाहता है, तो इसकी अनुमानित कीमत प्रीमियम एसयूवी के बराबर हो सकती है। रियर-व्हील ड्राइव वेरिएंट की कीमत लगभग 34 लाख रुपये और परफॉर्मेंस वर्जन की कीमत करीब 51 लाख रुपये हो सकती है। यह कीमत Toyota Fortuner या Audi Q3 जैसी लग्जरी एसयूवी के समान है, लेकिन इसमें आपको पूरी तरह से ऑटोनॉमस ड्राइविंग की सुविधा मिलती है।

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दमदार टेक्निकल फीचर्स

टेस्ला की इस ड्राइवरलेस कार में प्रभावशाली टेक्निकल फीचर्स दिए गए हैं:

  • इसमें 534 हॉर्सपावर का पावरफुल इलेक्ट्रिक मोटर मिलता है।
  • यह केवल 3.5 सेकंड में 0 से 100 किमी/घंटा की रफ्तार पकड़ सकती है।
  • इसकी टॉप स्पीड 250 किमी/घंटा है।
  • एक बार फुल चार्ज करने पर यह 455 किमी तक चल सकती है।
  • कार में 4.79 मीटर का व्हीलबेस, 1.92 मीटर की चौड़ाई और 854 लीटर का बड़ा बूट स्पेस मिलता है, जो इसे परफॉर्मेंस के साथ-साथ पर्याप्त जगह और व्यावहारिकता भी देता है।

क्रैश टेस्ट में मिली हाई रेटिंग

टेस्ला ने इस कार को बनाते समय केवल तकनीक ही नहीं, बल्कि यात्रियों के आराम और सुरक्षा का भी पूरा ध्यान रखा है। इसके प्रीमियम केबिन डिज़ाइन में ऑल-डिजिटल कंसोल, ऑटोपायलट सिस्टम, ग्लास रूफ और टचस्क्रीन कंट्रोल्स जैसी आधुनिक सुविधाएं शामिल हैं। इस कार को क्रैश टेस्ट में भी High Safety Rating मिली है, जिससे यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित होती है।

भारत में लॉन्च की संभावना?

टेस्ला की यह ड्राइवरलेस टेक्नोलॉजी फिलहाल अमेरिका जैसे विकसित देशों में सफलतापूर्वक काम कर रही है, जहां इसके अनुकूल मजबूत इंफ्रास्ट्रक्चर और ट्रैफिक सिस्टम मौजूद हैं। भारत में इसके आने में अभी थोड़ा समय लगेगा, लेकिन एलन मस्क ने पहले ही संकेत दिए हैं कि टेस्ला भारत में एक मैन्युफैक्चरिंग यूनिट लगाने की योजना बना रही है। ऐसे में, आने वाले कुछ वर्षों में भारतीय सड़कों पर भी टेस्ला की ड्राइवरलेस कारें देखने को मिल सकती हैं।


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News Editor

Radhika

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