पहली बार रक्षा मंत्रालय ने मानी चीन के लद्दाख में घुसपैठ की बात, कहा- लंबा चलेगा विवाद

Thursday, Aug 06, 2020 - 01:22 PM (IST)

नेशनल डेस्क: भारत और चीन के बीच कूटनीतिक और सैन्य स्तर की बैठकों के बावजूद भी पूर्वी लद्दाख में तनाव कम होता दिखाई नहीं दे रहा है। अपनी ओछी हरकतों से मजबर चीन लगातार सरहद के पास सेना की बढ़ोत्तरी करता जा रहा है। अब इसी बीच रक्षा मंत्रालय ने आधिकारिक तौर पर माना है कि चीन ने भारतीय इलाकों में घुसपैठ की है। 

रक्षा मंत्रालय ने अपनी वेबसाइट पर एक डॉक्यूमेंट अपलोड किया है जिसके मुताबिक, लद्दाख के कई इलाकों में चीनी सेना के अतिक्रमण की घटनाएं बढ़ी हैं। रक्षा मंत्रालय द्वारा जारी किए गए दस्तावेज के मुताबिक 5 मई से गलवान में चीन की गतिविधियां बढ़ी थी। चीनी ने PP-15 कुगरांग नाला, गोगरा यानी PP 17 A और पैंगोंग लेक के नॉर्दर्न बैंक पर 17-18 मई को घुसपैठ की थी। 

मंत्रालय ने यह भी माना कि ये विवाद लंबा चल सकता है। भारत चीन के बीच विवाद के खत्म करने के लिए दोनो देशो के कोर कमांडर के बीच 5 बार बातचीत हो चुकी है। एलएसी पर तनाव तो कम है लेकिन हालात में किसी तरह का बदलाव नहीं है। इससे पहले रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने साक्षात्कार में कहा था कि चीनी सैनिकों की एक बड़ी संख्या पहले की तुलना में थोड़ा आगे आ गई थी। लेकिन आधिकारिक रूप से इस बात को स्पष्ट किया गया था कि इसकी गलत तरीके से इस तरह से व्याख्या नहीं की जानी चाहिए कि चीनी सैनिकों ने एलएसी के भारतीय क्षेत्र में प्रवेश किया है।

गलवान घाटी में 15 जून को चीनी बलों के साथ झड़प में 20 भारतीय जवानों के शहीद होने के बाद भारत ने हजारों अतिरिक्त बलों और हथियारों को पूर्वी लद्दाख में सीमा के पास भेजा था। चीन ने भी सीमा पर अपनी सैन्य तैनाती मजबूत की है। सूत्रों ने बताया कि चीनी सेना ने गलवान घाटी और टकराव के अन्य बिंदुओं से अपने बलों को पीछे हटा लिया है, लेकिन भारत ने पैंगोंग सो में फिंगर प्वाइंट्स से भी बलों को पीछे हटाने की मांग की है। इन क्षेत्रों से चीन ने बलों को वापस नहीं बुलाया है। क्षेत्र में शांति और स्थिरता बहाल करने के लक्ष्य से पूर्वी लद्दाख में संघर्ष वाली जगह से सेनाओं की वापसी को लेकर अभी तक दोनों देशों की सेनाओं के शीर्ष सैन्य कमांडरों के बीच चार चरण की वार्ता हो चुकी है। 
 

vasudha

Advertising