कैंसर को कर्मों का फल बताने वाले मंत्री ने अपने बचाव में लिया ''गीता'' का सहारा

Thursday, Nov 23, 2017 - 04:13 PM (IST)

गुवाहाटी: असम के स्वास्थ्य मंत्री हिमंत विस्वा शर्मा ने यह टिप्पणी करके विवाद खड़ा कर दिया कि कुछ लोग कैंसर जैसी घातक बीमारियों से इसलिए ग्रस्त हैं क्योंकि उन्होंने अतीत में पाप किये हैं और यह ‘‘ईश्वर का न्याय’’ है। इस टिप्पणी की राजनीतिक दलों और कैंसर के मरीजों ने कड़ी आलोचना की। वहीं इस बयान पर वे लगातार अपने ट्विटर अकाउंट पर आलोचनाओं का जवाब दे रहे हैं। उन्होंने अपने बयान पर माफी मांगने की बजाए इस पूरे मामले में भगवत गीता और राहुल गांधी के पेट डॉग पीडी को भी शामिल कर लिया है।
 

उन्होंने एक ट्वीट के जवाब में लिखा,  पापों और कर्म में अंतर समझना होगा। राजनीति आती और जाती है लेकिन गीता में जो लिखा है वो मेरे लिए अंतिम सत्य है। चिदंबरम के ट्वीट पर उन्होंने लिखा कि आप कांग्रेस में फिर से कब शामिल हो गए? जहां तक मेरी जानकारी है आप तमिल मनीला कांग्रेस में थे।

विशेषाधिकार प्राप्त लोग जो चिट फंड हो या आईएनक्स मीडिया में शामिल रहे हों वो पार्टी बदल सकते हैं। आखिरकार 'पीडी' विशेषाधिकार प्राप्त लोगों को पसंद करता है।
 

बता दें कि बुधवार को शर्मा ने यहां शिक्षकों को नियुक्ति पत्र वितरित करने के लिए आयोजित कार्यक्रम में कहा, ‘‘जब हम पाप करते हैं तो भगवान हमें सजा देता है। कई बार हम देखते हैं कि युवाओं को कैंसर हो गया या कोई युवा हादसे का शिकार हो गया। अगर आप पृष्ठभूमि देखेंगे तो आपको पता चलेगा कि यह ईश्वर का न्याय है।और कुछ नहीं। हमने ईश्वर के न्याय का सामना करना होगा।’’ उनको अपनी इस टिपप्णी की वजह से लोगों के गुस्सा का सामना करना पड़ रहा है लेकिन वे बेबाकी से सभी को जवाब दे रहे हैं।

 

Advertising