मंत्री बने तो छोड़ी साइकिल की सवारी, अब लाल बत्ती की कार में करते हैं सफर

Thursday, Jul 21, 2016 - 07:09 PM (IST)

नई दिल्ली: कभी साइकिल से संसद पहुंचने वाले मंत्री आज लाल बत्ती वाली कार से सफर करते हैं। साइकिल से संसद पहुंचने वाले सांसदों की संख्या अब कम हो गई है। सांसदों के जीवन में यह बदलाव तब से आया है जब से उन्हें मंत्री पद की कमान मिली है। रोज साइकिल से पार्लियमेंट पहुंचने वाले मंत्री आज सुरक्षा और लाल बत्ती का हवाला देते हुए लाल बत्ती की कार से संसद पहुंचते हैं।
 
हालांकि मंत्री बनने के बावजूद मनसुख भाई मांडविया साइकिल से ही कुछ दिन आए पर अब वे लालबत्ती की गाड़ी में आने लगे हैं। लालबत्ती का रुतबा ही ऐसा है जो व्यक्ति को बदल ही देता है। पर ये वही मंत्री हैं जो पहले साइकिल से आना अपना सौभाग्य समझते थे और हमेशा ये कहते नजर आते थे कि‍ पर्यावरण को साफ-सुथरा रखने के लिए ऐसे सभी सांसदों को संसद में आना चाहिए। अर्जुन राम मेघवाल भी मंत्री बनने के बाद अब साइकिल की जगह लाल बत्ती की सवारी कर रहे हैं।
 
मेघवाल, मांडविया के लिए लकी रही साइकिल 
मेघवाल और मांडविया का साइकिल से आना इनके लिए शुभ साबित हुआ। अपने इसी करतब की वजह से येे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नजरों में आ गए। राजस्थान से आने वाले बीकानेर के सांसद अर्जुन राम मेघवाल और गुजरात से राज्य सभा के सांसद मनसुख भाई मांडविया मंत्री बनने के बाद लाल बत्ती की गाड़ी से आते हैं। मेघवाल और मांडविया जब राष्ट्रपति भवन में शपथ के लिए जा रहे थे तब बाकायदा कैबिनेट सेक्रेटरी और राष्ट्रपति भवन से मंजूरी लेने के बाद वहां भी साइकिल से ही गए थे। दोनों ने वादा किया था कि‍ मंत्री बनने बाद भी यूं ही साइकिल से संसद आते-जाते रहेंगे।
 
फुस्स रहा मेघवाल का टारगेट 
अर्जुन राम मेघवाल ने ही साइकिल से संसद आने की शुरुआत की थी और उनका लक्ष्य 16वीं लोकसभा खत्म होते-होते कम-से-कम 22 सांसदों को साइकिल की सवारी कराने का था। लेकिन वित्त राज्यमंत्री बनने के बाद अब वे देश की आर्थिक सेहत सुधारने में जुट गए हैं।
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