पाकिस्तान में हुई उस रेस में मिल्खा सिंह '' दौड़े नहीं उड़े थे'', और फिर खिलाड़ी से बन गए  ''फ्लाइंग सिख''

Saturday, Jun 19, 2021 - 09:32 AM (IST)

नेेशनल डेस्क: देश ने आज एक महान खिलाड़ी को खो दिया, जिसकी भरपाई कोई भी नहीं कर सकता। भारत के महान एथलीट मिल्खा सिंह के निधन से भारत का हर शख्स दुखी है। मिल्खा सिंह की जिंदगी, संघर्ष और उनकी उपलब्ध‍ियों के किस्से तो हमने कई सुनें हैं, क्या आप जानते हैं कि पूर्व एथलीट को फ्लाइंग सिख का नाम क्यों दिया गया था। जानिए इस नाम के पीछे की पूरी कहानी। 


 

 पाकिस्तानी धावक अब्दुल खालिक के खिलाफ  दौड़े थे मिल्खा सिंह
चार बार एशियाई खेलों के स्वर्ण पदक विजेता रहे मिल्खा सिंह का जलवा दस साल तक रहा था। 1960 में उन्हे पाकिस्तान में आयोजित इंटरनेशनल एथलीट कम्पटिशन में हिस्सा लेने का न्योता मिला था। पाकिस्तानी धावक अब्दुल खालिक के खिलाफ  दौड़ने के लिए  तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने मिल्खा सिंह को प्रोत्साहित किया और वह पाकिस्तान गए। 


रफ्तार के कायल हो गए थे अयूब खान
पाकिस्तान में उस समय एथलेटिक्स में अब्दुल खालिक का नाम बेहद मशहूर था, उन्हें वहां का सबसे तेज धावक माना जाता था।  मिल्खा सिंह ने  अब्दुल खलिक को घरेलू दर्शकों से सामने मात दे दी। मिल्खा को दौड़ता देख पाकिस्तान के सैन्य शासक अयूब खान उनके कायल हो गए।  अयूब खान ने मिल्खा सिंह को 'फ्लाइंग सिख' का नाम देते हुए कहा  कि आज तुम दौड़े नहीं उड़े हो। इसलिए हम तुम्हें फ्लाइंग सिख का खिताब देते हैं। इसके बाद से ही मिल्खा सिंह  इस नाम से दुनिया भर में मशहूर हो गए। 


एक नजर मिल्खा सिंह की उपलब्धियाें पर 

 

  • चार बार एशियाई खेलों के स्वर्ण पदक विजेता रहे मिल्खा सिंह
  • 1958 राष्ट्रमंडल खेलों में किया था पीला तमगा हासिल 
  • सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन  रहा 1960 के रोम ओलंपिक में
  •  400 मीटर फाइनल में रहे चौथे स्थान पर
  • मिल्खा सिंह ने 1956 और 1964 ओलंपिक में किया भारत का प्रतिनिधित्व 
  • साल 1959 में बेहतरीन प्रदर्शन के लिए पद्मश्री अवॉर्ड से नवाजे गए मिल्खा सिंह
  • 1962 में 200 मीटर की रस में गोल्ड किया अपने नाम
  • 400 मीटर की रिले रेस में भी स्वर्ण पदक किया अपने नाम 
  • करीब 10 साल तक चला मिल्खा सिंह का जलवा 
     

vasudha

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