आईएसआईएस के निशाने पर भारत

Friday, Jun 24, 2016 - 03:19 PM (IST)

अपनी टारगेट लिस्ट से दुनिया आतंक फैलाने का आईएसआईएस ने एक नया तरीका निकाला है। इसे किल लिस्ट भी कहा जाता है। हाल में जारी लिस्ट में 285 भारतीयों के नाम के साथ कई देशों को भी शामिल करके एक नई चिंता को जन्म दे दिया गया है। कुल मिलाकर चार हजार लोग इस किल लिस्ट में हैं। यूनाइटेड साइबर खलीफा के निजी टेलीग्राम चैनल पर जारी टारगेट लिस्ट में उन सभी लोगों के नाम और पते हैं जिन्हें कहीं से भी ढूंढ कर मारा जाना है। आईएसआईएस ने अपने लड़ाकुओं को इसका आदेश जारी कर दिया है। अमरीका को अपना नंबर वन शत्रु मानने वाले इस आतंकी संगठन ने भारत को भी अपने निशाने पर ले लिया है। 

आश्चर्य की बात है कि आईएसआईएस की टारगेट लिस्ट में शामिल इन लोगों का इस्लामिक स्टेट से कोई लेना देना नहीं है। ये इस्लाम से भी नफरत नहीं करते हैं। फिर इन्हें किस आधार पर शामिल किया गया है ? नई लिस्ट में अमरीका, ब्रिटेन, कनाडा, फ्रांस और भारत सहित करीब 18 देशों से 4681 के नाम और अस्थायी नागरिकों के पते हैं। ध्यान रहे कि इससे पूर्व अमरीका, कनाडा, ब्रिटेन और ऑस्ट्रेलिया से नागरिकों के 8318 नामों के साथ पहली सूची जारी की गई थी। 

आईएसआईएस की सोशल मीडिया पर टारगेट लिस्ट आने से लोगों में दहशत है। कनाडा और अमरीका कुछ लोगों कहते हैंं कि वे नहीं जानते कि कैसे आतंकियों के पास उनकी सारी जानकारी पहुंच गईं, अब उन्हें डर लगता है। वे आतंकी संगठन के निशाने पर हैं। अमरीका और कनाडा के अधिकारी किसी भी खतरे की आशंका से इंकार कर रहे हैं। वे बताते हैं कि ऐसी हर गतिविधि पर उनकी नजर है। लेकिन इसे हल्के में नहीं लिया जा सकता है। हाल में आॅरलैंडो में जिस प्रकार एक युवक ने नाइट क्लब में, जर्मनी के सिनेमाघर और वेनेजुएला के सेंट्रल बैंक में गोलियां बरसाईं गईं, ऐसे हमले कहीं भी हो सकते हैं। 

आईएसआईएसने कभी चुप नहीं बैठता है। मई में भी उसने एक वीडियो जारी किया था, जिसमें भारतीय लड़ाके दिखाए गए। इसमें वे भारत के खिलाफ लड़ाई की बात की थी। इस वीडियो में भारत को छोड़कर आईएसआईएस से जुड़ने गए युवकों को फिल्माया गया था। एक प्रमुख अंग्रेजी अखबार के मुताबिक 2014 में मुंबई के समीप ठाणे से तीन लोगों के साथ सीरिया गया फहाद तनवीर शेख़ भी इस वीडियो में नज़र आया। उसने बाबरी मस्जिद, गुजरात, कश्मीर और मुजफ्फरनगर का बदला लेने के लिए हाथ में तलवार लिए भारत लौटने की बात कही थी। केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ ने हिम्मत बढ़ाने का प्रयास करते हुए कहा था कि किसी को घबराने की जरूरत नहीं। दूसरी ओर फहाद के परिवार ने इस वीडियो को फर्जी करार दे दिया।

भारत को अत्यधिक सतर्क करने वाली एक और घटना जनवरी 2016 में हो चुकी है। गोवा में एक बेनाम पत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर की हत्या करने की धमकी दी गई थी। इस पोस्टकार्ड के निचले हिस्से पर आईएसआईएस अंकित था। इस पत्र में देश में गोहत्या पर प्रतिबंध को लेकर गुस्सा जताया गया था। यह पत्र वास्तव में आईएसआईएस की ओर से भेजा गया या नहीं इसकी पुष्टि नहीं हुई, इसे लेकिन दहशत फैलाने का यह एक और प्रयास माना जा सकता है।

इसके बाद अप्रैल में आईएसआईएस ने भारत को फिर धमकी दी कि आतंकियों की मदद से भारत से हिंदुओं का सफाया कर दिया जाएगा। इस काम के लिए बांग्लादेश और पाकिस्तान के आतंकियों की मदद ली जाएगी। इस संगठन की प्रॉपेगैंडा मैगजीन ‘दाबिक’ में छपे एक इंटरव्यू में शेख अबू इब्राहिम अल-हनीफ ने कहा था कि भारत से हिंदुओं और इस्लाम को न मानने वाले लोगों का सफाया करके शरिया लागू किया जाएगा। यह हनीफ बांग्लादेश में आईएस के लड़ाकों का मुखिया हैं। इस इंटरव्यू में बांग्लादेश को बंगाल कह कर पुकारा गया। इस्लाम का साथ नहीं देने के लिए बांग्लादेश की सरकार पर भी हमला किया गया।

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