आतंकियों और हथियारों की कमी, हिजबुल कर रहा है पुलिसकर्मियों को लुभाने की कोशिश

Thursday, Nov 02, 2017 - 03:37 PM (IST)

श्रीनगर : गत एक वर्ष से आतंकी हिजबुल मुझाहिदीन संगठन में आतंकियों और हथियारों की कमी के चलते पुलिसकर्मियों को संगठन में शामिल करने के लिए लुभाने की कोशिश कर रहे हैं। अधिकारियों ने खुफिया रिपोर्टो का हवाला देते हुए कहा कि इस साल तीन पुलिसकर्मी नौकरी छोडक़र आतंकियों में शामिल हो गए हैं। बताया जा रहा है कि कम से कम दो हिजबुल में उनके आधिकारिक हथियारों और व अन्य गोला-बारुद समेत शामिल हो गए हैं। कश्मीर में सुरक्षाबलों के साथ नवीनतम खुफिया जानकारी अक्तूबर में साझा की गई।


हालांकि, पुलिस के शीर्ष अधिकारियों का कहना है कि मामला अभी तक बड़ी चिंता नहीं बना है लेकिन स्वीकार किया कि यह कश्मीरियों के एक वर्ग के बीच मजबूती पकड़ रहा है। एक अधिकारी ने कहा कि समाज पर प्रभाव पड़ रहा है पर पुलिस के पास उनके व्यावसायिक कर्तव्यों का पालने करने और आतंकवाद का बहादुरी से लडऩे के मामले में बड़ी प्रतिष्ठा है और वह जारी रहेगी। अभी तक यह कोई बड़ी चिंता नहीं है लेकिन घटनाओं में अभी भी सतर्क रहने की बात है।

बुरहान की मौत के साथ चला अशांति का दौर
गत साल हिजबुल कमांडर बुरहान वानी को मारे जाने के बाद से जमीनी स्तर पर अशांति का दौर चला था। अशांति के दौरान लगभग 100 नागरिकों की मौत हो गई थी। वहीं, सरकार ने ताकत लगाकर आतंकवाद विरोधी अभियानों में तेजी लाई जिनमें इस साल के दौरान अभी तक घाटी में कम से कम 170 आतंकियों को मार गिराया गया। मारे गए आतंकियों में शीर्ष कमांडर भी थे। इन अभियानों में हिजबुल को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ। अधिकारियों ने कहा कि आतंकियों का मारे जाने का मतलब संगठनों के लिए हथियारों का नुकसान भी है और इसलिए पुलिसकर्मियों को हथियारों के साथ लुभाने की कोशिश कर रहे हैं।

पुलिसकर्मी हुए आतंकी संगठनों में शामिल
गत मई महीने में कांस्टेबल सैयद नवीद मुश्ताक अपनी सहित चार इंसास राइफलों के साथ नौकरी छोडक़र हिजबुल में शामिल हो गया था। इसके दो महीने बाद प्रादेशिक सेना का एक जवान भी आतंकवाद में शामिल हो गया। अक्तूबर में एक अन्य पुलिस कांस्टेबल इश्फाक अहमद डार ने सोशल मीडिया के जरिए लश्कर-ए-तोयबा में शामिल होने की घोषणा की थी। पुलिस ने कहा था कि वह लापता कांस्टेबल के दावों का पता लगा रही हैं।
खुफिया अधिकारियों का कहना है कि हिजबुल पाकिस्तान और अफगानिस्तान से भी सीमा पार आधारित उनके हैंडलरों से हथियार खरीदने की कोशिश कर रहा है।

 

Advertising