कश्मीरी पंडितों का प्रवास ''अधिकारियों की आवाजाही'' का हिस्सा : सरकार

Wednesday, Dec 01, 2021 - 05:55 PM (IST)

नयी दिल्ली : सरकार ने बुधवार को कहा कि कश्मीरी पंडितों के 115 परिवारों का कश्मीर से हालिया जम्मू प्रवास 'अधिकारियों की आवाजाही का हिस्सा' है और यह शैक्षिक संस्थानों में शीतकालीन अवकाश की वजह से हुआ है।

 

गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने राज्यसभा को एक प्रश्न के लिखित उत्तर में यह जानकारी दी। सरकार से कांग्रेस के नारणभाई जे राठवा ने पूछा था कि क्या सुरक्षा संबंधी बढ़ती चिंता सहित अन्य वजहों से कई हिंदू और सिख श्रीनगर से अन्यत्र जा रहे हैं।

 

राय ने उत्तर में बताया अक्टूबर 2021 में, कश्मीर में रह रहे करीब 115 कश्मीरी पंडित परिवार जम्मू चले गए। इनमें ज्यादातर महिलाएं और बच्चे हैं। ये परिवार सरकारी कर्मचारियों के हैं और इनमें से ज्यादातर लोग अधिकारियों की आवाजाही के तहत और शैक्षिक संस्थानों में शीतकालीन अवकाश की वजह से जम्मू गए हैं।

 

उन्होंने बताया कि जम्मू कश्मीर सरकार की एक वर्तमान योजना के तहत, आतंकवादी हिंसा संबंधी घटनाओं में मारे गए नागरिकों के परिजन को एक-एक लाख रुपये की अनुग्रह राशि दी जाएगी।

राय ने बताया, "इसके अलावा भारतीय भूभाग में आतंकवादी हिंसा, सांप्रदायिक हिंसा, वामपंथी चरमपंथियों की हिंसा, सीमा पार से गोलीबारी, बारुदी सुरंग में या आईईडी में विस्फोट से जान गंवाने वाले आम नागरिकों के परिवार के लिए केंद्रीय सहायता योजना के तहत पांच लाख रुपये दिए जाते हैं।"

 

उन्होंने बताया कि श्रीनगर में अल्पसंख्यक समुदाय की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कई इंतजाम किए गए हैं।

 

उल्लेखनीय है कि इस साल अक्टूबर में आतंकवादियों ने जम्मू के प्रमुख कश्मीरी पंडित केमिस्ट एम एल बिन्द्रू, एक सरकारी स्कूल की सिख प्राचार्य और एक हिंदू शिक्षक तथा उत्तर प्रदेश एवं बिहार से आए कुछ रेहड़ी-पटरी वालों को मार डाला था।


 

Monika Jamwal

Advertising