माइक्रोसॉफ्ट CEO सत्या नडेला का CAA पर आया बयान, बोले- यह बहुत दुखद

Tuesday, Jan 14, 2020 - 11:37 AM (IST)

नेशनल डेस्कः नागरिकता संशोधन कानून पर जहां विपक्षी दल मोदी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं और देशभर में इसको लेकर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। वहीं दुनियाभर में रह रहे भारतीय नागरिक भी CAA पर अपनी राय रख रहे हैं। इसी बीच माइक्रोसॉफ्ट के भारतीय मूल के सीईओ सत्या नडेला की भी CAA पर प्रतिक्रिया आई है। सत्या नडेला ने सोमवार को CAA पर बयान दिया था जिस पर बवाल खड़ा हो गया। हालांकि बाद में उन्होंने अपने बयान पर सफाई दी। माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्या नडेला ने नागरिकता (संशोधन) कानून पर दुख जताते हुए कहा कि वह किसी बांग्लादेशी शरणार्थी को भारत में स्टार्टअप खड़ा करते या इन्फोसिस के सीईओ बनते देखना चाहते हैं।

नडेला ने कहा कि मुझे लगता है कि जो भी हो रहा है, वह बहुत दुखद है...और बुरा है.. मैं तो भारत आने वाले बांग्लादेशी शरणार्थी को भारत में अगला यूनिकॉर्न बनाने या इन्फोसिस का अगला सीईओ बनते देखना पसंद करूंगा। नडेला के इस बयान का प्रसिद्ध इतिहासकार रामचंद्र गुहा ने समर्थन किया। हालांकि इस बयान पर काफी बवाल खड़ा हो गया।

क्या कहा सत्या नडेला ने
अमेरिकी शहर मैनहटन में संपादकों के साथ एक मीटिंग में उनसे भारत के नागरिकता संशोधन कानून (CAA) पर सवाल पूछा गया था। सवाल था- 'आपकी (माइक्रोसॉफ्ट) जैसी कंपनियों को सरकार के साथ डील करने में बड़ा दबाव झेलना पड़ रहा है। भारत के नागरिकता कानून को लेकर आपकी क्या राय है और क्या आपको उस (भारत की) सरकार के साथ काम करने में दिक्कत हो रही है जिस तरह वह आंकड़ों का इस्तेमाल कर रही है?' इस पर नडेला ने जवाब दिया कि मेरा बचपन भारत में ही बीता है, जहां पर मैं बड़ा हुआ..जिस माहौल में बड़ा हुआ उस पर मैं पूरी तरह से गर्व करता हूं, मुझे लगता है कि वो एक ऐसी जगह है जहां पर हम दिवाली, क्रिसमस साथ में मिलकर मनाते हैं. लेकिन मुझे लगता है जो हो रहा है बुरा हो रहा है... खासकर उसके लिए जो कुछ और देखकर वहां पर बड़ा हुआ हो। बज़फीड के एडिटर इन चीफ बेन स्मिथ ने अपने ट्विटर अकाउंट पर सत्या नडेला का बयान जारी किया।

विवाद के बाद माइक्रोसॉफ्ट की सफाई
सत्या नडेला के इस बयान पर जब विवाद हुआ तो माइक्रोसॉफ्ट की तरफ से एक बयान जारी किया गया, जिसमें सत्या नडेला के बयान का मतलब समझाया गया। नडेला ने अपने बयान में कहा कि मैं यह नहीं कह रहा कि किसी देश को अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा की चिंता नहीं करनी चाहिए। देशों के बीच सीमाएं होती हैं और यह हकीकत है। मेरा मतलब है कि इमिग्रेशन इस देश (अमेरिका) का मुद्दा है, यह यूरोप और भारत का भी मुद्दा है, लेकिन ध्यान इस पर होना चाहिए कि कोई किस तरीके से यह तय करता है कि इमिग्रेशन क्या है, शरणार्थी कौन हैं, अल्पसंख्यक समूह कौन है? नडेला ने अपनी बात समझाने के लिए खुद का उदाहरण भी दिया।

उन्होंने कहा कि वह अगर ग्लोबल कंपनी के सीईओ बन पाए हैं और अगर उन्हें अमेरिका की नागरिकता मिल पाई है तो इसका श्रेय उन्हें भारत में टेक्नॉलजी तक मिली पहुंच और अमेरिका की इमिग्रेशन पॉलिसी को जाता है। उन्होंने समावेशी भारतीय संस्कृति का भी जिक्र किया और कहा कि बाजार की ताकतों और उदरावादी मूल्यों के कारण ही पूंजीवाद को बल मिला है, यह भारत की सरकार अच्छी तरह समझ रही होगी।

Seema Sharma

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