#MeToo: ऑफिस में यौन शोषण झेलने वाली महिलाएं आखिर क्यों हैं चुप?

Wednesday, Oct 17, 2018 - 12:28 PM (IST)

जालंधरः #MeToo अभियान के बाद न जानें कितने लोग इसके लपेटे में आएंगे ये तो वक्त ही तय करेगा। इस अभियान ने जहां महिलाओं को अपनी बात रखने का मौका दिया है वहीं अब ऐसे लोग सामने आएंगे जिन्होंने शराफत का नकाब चढ़ा न जानें कितनी महिलाओं से खिलवाड़ किया।

#MeToo के अंतर्गत अभी तक जितने भी चेहरे सामने आए वे बॉलीवुड से संबंधत हैं। विदेश राज्य मंत्री एमजे अकबर पर भी कई आरोप लगे हैं। वहीं अगर आम महिला की बात करें तो न जानें उसे दिन में कितनी बार यौन उत्पीड़न का सामना करना पड़ता है। वर्कप्लेस पर महिलाओं के साथ यौन उत्पीड़न से जुड़ा एक नया सर्वे सामने आया है जिसके मुताबिक 78 प्रतिशत महिलाएं वर्कप्लेस पर हुए यौन उत्पीड़न की घटना की शिकायत तक नहीं करती हैं।

लोकलसर्कल द्वारा कराए गए इस सर्वे में 15 हजार लोग शामिल हुए और 28 हजार से ज्यादा वोट पड़े। इस सर्वे में 32 प्रतिशत ऐसे लोग शामिल थे जिन्होंने खुद या उनके परिवार में किसी ने वर्कप्लेस पर उत्पीड़न को महसूस किया या देखा। इनमें से 45 प्रतिशत महिलाओं ने इसे रिपोर्ट तक नहीं करवाया जबकि 23 प्रतिशत महिलाओं का कहना था कि वे इसे लेकर निश्चित नहीं थीं।

इस सर्वे में भाग लेने वालों में से 40 प्रतिशत टीयर-1 शहरों, 28 प्रतिशत टीयर-2 शहरों और 32 प्रतिशत टीयर 3 शहरों से ताल्लुक रखते हैं। इस सर्वे की सबसे चौंकाने वाली बात ये थी कि सर्वे में शामिल लोगों में से 78 प्रतिशत लोग उत्पीड़न की घटना को संबंधित अथॉरिटी तक लेकर ही नहीं गए।

सर्वे में ये भी खुलासा हुआ कि उत्पीड़न की 50 प्रतिशत घटनाएं ऑफिस में काम के घंटों के दौरान हुईं जबकि 19 प्रतिशत घटनाएं काम के घंटों के बाद हुईं। इसके अलावा 31 प्रतिशत लोगों ने भी बताया कि ये घटनाएं ऑफिस के बाहर सोशल गेदरिंग या किसी सार्वजनिक जगह पर की गईं।

 

इस सर्वे में वर्कप्लेस पर होने वाले यौन उत्पीड़न के प्रकार का भी खुलासा हुआ। 50 प्रतिशत लोगों ने बताया कि उनका शारीरिक तौर पर उत्पीड़न हुआ। 19 प्रतिशत के अनुसार उनसे सेक्शुअल फेवर के लिए कहा गया। सर्वे में शामिल करीब 31 प्रतिशत महिलाओं ने बताया कि उनका सेक्शुअली रंगों के संकेत से या जबरदस्ती पॉर्न दिखाकर उत्पीड़न किया गया। 

Sonia Goswami

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