#MeToo: ये हैं वो पांच कारण जिनकी वजह से एम जे अकबर को देना पड़ा इस्तीफा

Thursday, Oct 18, 2018 - 12:19 PM (IST)

नई दिल्ली: ‘मी टू’ अभियान के तहत लगे यौन दुर्व्यवहार के आरोपों के बाद विदेश राज्य मंत्री एम जे अकबर ने बुधवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया। इस्तीफे के बाद उन्होंने कहा कि इन झूठे, बेबुनियाद और बेकार के आरोपों से उनकी प्रतिष्ठा और साख को अपूरणीय क्षति हुई है, जिसकी भरपाई नहीं हो सकती है। आइए, एक नजर डालें इस्तीफे के कारणों पर: 


 
1. चुनावी संकट

एमजे अकबर के इस्तीफे का सबसे बड़ा कारण 5 राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव भी हो सकते हैं, क्योंकि विपक्ष लगातार महिलाओं के यौन उत्पीड़न को मुद्दा बना कर सरकार को घेर रहा था। मध्य प्रदेश में हो रही चुनावी रैली में राहुल गांधी लगातार बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओ पर निशाना साध रहे थे। हाल ही में एक रैली में राहुल गांधी ने कहा था कि प्रधानमंत्री यह बताना  मत भूलें कि बेटियां बचानी किससे है, भाजपा के मंत्रियों से। 


 

2. महिला मतदाताओं पर नजर
पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों और अगले वर्ष के लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए भाजपा महिला मतदाताओं पर खास ध्यान दे रही है। विदेश राज्यमंत्री पर लगे आरोपों के बाद महिला मतदाताओं को प्रभावित करने की मोदी सरकार की कोशिश कहीं नाकाम न हो जाए, इसलिए अकबर का इस्तीफा करवा दिया गया। 

सोशल मीडिया पर बिगड़ रही थी छवि
सोशल मीडिया पर चल रहे #MeToo कैंपेन ने शहरी भारतीय समाज में हलचल पैदा कर दी और भारत में अकबर पहले ऐसे हाई प्रोफाइल शख्स हैं, जिन पर यौन उत्पीड़न के आरोपों के बाद अपने पद से इस्तीफा देने का दबाव लगातार बढ़ता जा रहा था। यहां यह बात भी बेहद महत्वपूर्ण है कि मोदी सोशल मीडिया का रुख खुद और अपनी पार्टी के खिलाफ होते हुए चुपचाप नहीं देख सकते। 

सरकार को था छवि खराब होने का डर
अकबर ने जैसे ही प्रिया रमानी पर मानहानि का केस दर्ज किया, अकबर को लगा कि प्रिया रमानी डर जाएंगीं, लेकिन हुआ इसके उलट। प्रिया रमानी क्या, उनके साथ 20 दूसरी महिलाओं ने एलान किया कि वो भी अपनी आपबीती कोर्ट को सुनाएंगी। अब अकबर और मोदी सरकार को लगा कि अगर महिलाएं अपनी कहानी सुनाई तो मीडिया में सरकार की की छवि खराब हो सकती है। इसलिए सरकार ने अकबर की विदाई का रास्ता साफ कर दिया। 



अमित शाह और स्मृति ईरानी ने किया काफी बीच-बचाव
अकबर पर लगे अारोपों के बाद अमित शाह और स्मृति ईरानी ने बीच बचाव करने की बहुत कोशिश की लेकिन बात बन सकी। वहीं जब पत्रकार ने बीजेपी के सबसे ज्यादा बोलने वाले प्रवक्ता संबित पात्रा से जब अकबर पर सवाल किया तो उनकी बोलती बंद हो गई। वह नो कमेंट करते-करते सीधे अपनी गाड़ी की ओर तेज़ी से भागते हुए कार का गेट बंद कर लिया। ये मजबूरी भी अकबर की मुशिकल बढाती गई। 

 

Anil dev

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