मेथेनाल को समुद्री परिवहन का ईंधन बनाने की योजना: गडकरी

Monday, Feb 26, 2018 - 07:15 PM (IST)

चेन्नई: केंद्र ने सोमवार को कहा कि वह समुद्री परिवहन पोतों के ईंधन में मेथेनाल के इस्तेमाल की योजना बना रही है क्योंकि यह डीजल से सस्ता पड़ता है और इससे प्रदूषण भी कम होता है। इसके साथ ही देश के 12 प्रमुख बंदरगाहों से मुनाफा इस साल बढ़कर 7000 करोड़ रुपए होने की उम्मीद है।

केंद्रीय पोत परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इस ईंधन की लागत 22 रुपए प्रति लीटर है और इसे भारत में बनाया जा सकता है लेकिन इस पहल के लिए नई प्रौद्योगिकी की जरूरत है।

उन्होंने चीन का उदाहरण दिया जहां मेथेनाल की लागत सिर्फ 17 रुपए प्रति लीटर है। उन्होंने कहा, ‘चीन में यह सिर्फ 17 रुपए प्रति लीटर है। 22 रुपए प्रति लीटर मेथेनाल भारत में एक लीटर डीजल के बराबर है जिसकी कीमत आज 60 रुपए है। डीजल की तुलना में इस मेथेनाल से प्रदूषण भी काफी कम है।’

उन्होंने कहा हम चार मल्टी मॉडल हब वाराणसी, हल्दिया, सागरगंज व साहिबगंज गंगा नदी पर और 60 नदी बंदरगाह बना रहे हैं। हमारी मेथेनाल को ईंधन के रूप में इस्तेमाल करने की योजना है। गडकरी ने सोमवार को आईआईटी चेन्नई में बंदरगाहों, जलमार्ग और तटों के राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी केंद्र (एनटीसीपीडब्ल्यूसी) की आधारशिला रखी। इस अवसर पर आईआईटी चेन्नई और मंत्रालय ने एक समझौता ज्ञापन पत्र पर हस्ताक्षर भी किए।

गडकरी ने कहा कि सरकार ने 111 नदियों को जलमार्गों में बदलने का फैसला किया है जिनकी कुल लंबाई 20,000 किलोमीटर होगी। गडकरी ने कहा कि देश के 12 प्रमुख बंदरगाहों से मुनाफा इस साल बढ़कर 7000 करोड़ रुपए होने की उम्मीद है जो कि 2014 में 3000 करोड़ रुपए था। उन्होंने कहा, ‘पहले साल जब मैंने (2014 में) मंत्री के रूप में कार्यभार संभाला तो इन बंदरगाहों से मुनाफा 3000 करोड़ रुपए था। अगले साल यह यह 4000 करोड़ रुपए हो गया। इस साल हमें 7000 करोड़ रुपए तक के मुनाफे की उम्मीद है।’ 

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