झटका! Facebook और Instagram चलाने के लिए अब हर महीने देने होंगे पैसे, जानें कितनी चुकानी होगी कीमत?

punjabkesari.in Sunday, Sep 28, 2025 - 03:57 PM (IST)

नेशनल डेस्क। दुनिया के सबसे लोकप्रिय सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक (Facebook) और इंस्टाग्राम (Instagram) अभी तक पूरी तरह से फ्री थे लेकिन अब ऐसा नहीं रहा। मेटा (Meta) ने घोषणा की है कि यूके (UK) में अब यूजर्स को इन प्लेटफॉर्म्स को विज्ञापन-मुक्त (Ad-Free) चलाने के लिए हर महीने पैसे चुकाने होंगे। यह फैसला डेटा प्राइवेसी को लेकर बढ़ते रेगुलेटरी दबाव के बाद लिया गया है।

कितनी होगी 'एड-फ्री' सब्सक्रिप्शन फीस?

यूके में उन यूजर्स के लिए एक नया सब्सक्रिप्शन मॉडल पेश किया गया है जो स्क्रॉलिंग के दौरान विज्ञापन नहीं देखना चाहते हैं:

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मोबाइल यूजर्स (Mobile Users): उन्हें हर महीने £3.99 (लगभग ₹400) का भुगतान करना होगा।

वेब यूजर्स (Web Users): जो लोग लैपटॉप या डेस्कटॉप पर फेसबुक/इंस्टाग्राम का इस्तेमाल करते हैं उन्हें हर महीने £2.99 देने होंगे।

लिंक्ड अकाउंट्स: यदि किसी यूज़र के पास फेसबुक और इंस्टाग्राम दोनों के अकाउंट लिंक्ड हैं तो उन्हें केवल एक ही सब्सक्रिप्शन लेना होगा।

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मेटा ने साफ किया है कि यूके के लोग अब दो विकल्प चुन सकते हैं: या तो मुफ्त में प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करें और विज्ञापन देखें या फिर सब्सक्रिप्शन लेकर बिना विज्ञापन का अनुभव पाएं।

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क्यों लॉन्च करना पड़ा एड-फ्री वर्जन?

मेटा लंबे समय से नियामक दबाव (Regulatory Pressure) का सामना कर रहा था। कंपनी पर आरोप था कि वह यूजर्स के निजी डेटा का इस्तेमाल करके उन्हें पर्सनलाइज्ड ऐड्स दिखाती है।

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डेटा प्राइवेसी विवाद: यूके में सूचना आयुक्त कार्यालय (ICO) ने साफ किया था कि इंटरनेट यूजर्स को यह अधिकार होना चाहिए कि वे अपने डेटा का इस्तेमाल विज्ञापनों के लिए होने से रोक सकें।

समझौता: डेटा प्राइवेसी को लेकर एक एक्टिविस्ट के साथ हुए कानूनी समझौते के बाद मेटा ने संकेत दिया था कि वह एड-फ्री सब्सक्रिप्शन की दिशा में कदम उठाएगा।

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यूके का ICO इस कदम का स्वागत कर रहा है और इसे यह सुनिश्चित करने की दिशा में एक बदलाव मान रहा है कि सोशल मीडिया का इस्तेमाल विज्ञापन देखने की अनिवार्यता से अलग हो जाए। यूके के यूजर्स को अब सुविधा मिल गई है लेकिन यह बदलाव दुनिया को दिखाता है कि डेटा प्राइवेसी और रेगुलेशन को लेकर अलग-अलग देशों में कंपनियों के लिए अलग-अलग नियम बन रहे हैं।


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Content Editor

Rohini Oberoi

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