लोकतांत्रिक अंतरिक्ष पर राज्यपाल मलिक ने कर रखा है अतिक्रमण : महबूबा

Friday, Dec 07, 2018 - 09:13 PM (IST)

 श्रीनगर : पूर्व मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को राज्यपाल सत्य पाल मलिक द्वारा लोकतांत्रिक अंतरिक्ष पर अतिक्रमण का आरोप लगाते हुए आंदोलन की चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि हम राज्यपाल (सत्यपाल मलिक) का आदर करते हैं, लेकिन वह क्यों लोकतांत्रिक मूल्यों का अतिक्रमण कर रहे हैं। इन मुद्दों पर कोई आपात स्थिति नहीं आई है। चुनाव होने पर एक नई सरकार का गठन होने के बाद यह किया जा सकता है। ऐसा लगता है कि शायद किसी का छिपा हुआ एजेंडा है, मुझे आशा है कि राज्यपाल इसका हिस्सा नहीं होंगे।  राज्य के संवैधानिक दर्जे के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं की जानी चाहिए। श्रीनगर के गुफ्कार रोड़ स्थित अपने निवास पर संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए महबूबा ने कहा कि जिस गति पर राज्यपाल निर्णय ले रहे हैं, ऐसा लगता है कि एक निश्चित एजेंडे के साथ एक छिपा हुआ हाथ है। 


राज्यपाल द्वारा लद्दाख को डिवीजन का दर्जा देने के कथित प्रस्ताव पर महबूबा ने कहा कि दैनिक आधार पर आदेश जारी करने की तत्कालता क्या है? यदि प्रवृत्ति रुकती नही है तो हम शांतिपूर्ण आंदोलन करने के लिए मजबूर हो जाएंगे। उन्होने आरोप लगाया कि राज्यपाल के नेतृत्व वाली प्रशासन राज्य के हितों के खिलाफ फैसले ले रही हैं। महबूबा ने चेतावनी दी कि यदि मलिक नीत राज्य प्रशासन पीर पंजाल और चिनाब घाटी को नजरअंदाज कर लद्दाख क्षेत्र को संभागीय दर्जा देता है तो आंदोलन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि वह इस मुद्दे पर अन्य पार्टियों के साथ भी बात करेंगी। उन्होंने कहा कि लद्दाख की तरह पीर पंजाल और चेनाब घाटी भी राज्य में दूर दराज के क्षेत्र हैं। हमे आशा है कि खुद भी नेता रह चुके राज्यपाल जम्मू कश्मीर की संवेदनशीलता को समझेंगे।


पी.डी.पी. प्रमुख ने कहा कि जम्मू कश्मीर में एक लोकप्रिय सरकार का गठन होने तक राज्य के संवैधानिक दर्जे से कोई छेड़छाड़ नहीं की जानी चाहिए। महबूबा ने कहा कि जम्मू कश्मीर बैंक के साथ सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम (पीएसयू) जैसा बर्ताव करने का फैसला, राज्य सूची के नियमों की प्रक्रिया में बदलाव करने और रोशनी योजना को रद्द करने तथा किशोर (न्याय) अधिनियम में बदलाव करने की खबरों के पीछे एक छिपा हुआ एजेंडा नजर आता है।  उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य से राज्यपाल की टीम उन्हें (मलिक को) सही सलाह नहीं देती, अन्यथा वह कोई ऐसा फैसला नहीं करते जिसे बाद में रद्द करना पड़े। इस तरह का फैसला एक लोकप्रिय सरकार के लिए छोड़ देना चाहिए।

द्राबू के निर्णय पर अफसोस
पूर्व वित्त मंत्री हसीब द्राबू के पीडीपी छोडऩे के बारे में पूछे जाने पर महबूबा ने कहा कि चुनाव के वक्त लोग आते . जाते हैं। हालांकि पार्टी छोडऩे के द्राबू के फैसले पर उन्हें अफसोस है।
 

Monika Jamwal

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