मोदी सरकार पर बरसी सोनिया गांधी, बोली- देशभक्ति का प्रमाणपत्र बांटने वाले अब हो गए बेनकाब

Friday, Jan 22, 2021 - 12:06 PM (IST)

नेशनल डेस्क: कांग्रेस की अपनी शीर्ष नीति निर्धारण इकाई कांग्रेस कार्य समिति (सीडल्यूसी) की बैठक शुरू हो गई है, जिसकी अध्यक्षता पार्टी की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी कर रही है । इस दौरान सोनिया गांधी ने ‘रिपब्लिक टीवी' के प्रधान संपादक अर्नब गोस्वामी की कथित व्हाट्सएप बातचीत का हवाला देते हुए कहा कि दूसरों को देशभक्ति और राष्ट्रवाद का प्रमाणपत्र बांटने वाले अब पूरी तरह बेनकाब हो गए हैं। उन्होंने आरोप भी लगाया कि सरकार ने किसान संगठनों के साथ बातचीत के नाम पर हैरान करने वाली असंवेदनशीलता और अहंकार दिखाया है। 

कृषि कानून जल्दबाजी में बनाए गए: सोनिया गांधी 
सोनिया ने कहा कि एक सप्ताह में संसद सत्र आरंभ होने जा रहा है। यह बजट सत्र है, लेकिन जनहित के कई ऐसे मुद्दे हैं जिन पर पूरी तरह चर्चा किए जाने की जरूरत है। क्या सरकार इस पर सहमत होती है, यह देखने होगा।'' केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के आंदोलन का उल्लेख करते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि  किसानों का आंदोलन जारी है और सरकार ने बातचीत के नाम पर हैरान करने वाली असंवेदनशीलता और अहंकार दिखाया है।'' उन्होंने यह भी कहा कि यह स्पष्ट है कि कानून जल्दबाजी में बनाए गए और संसद को इनके प्रभावों का आकलन करने का अवसर नहीं दिया गया। हम इन कानूनों को खारिज करते हैं क्योंकि ये खाद्य सुरक्षा की बुनियादों को ध्वस्त कर देंगे।

अर्थव्यवस्था को लेकर भी सरकार पर साधा निशाना
व्हाट्सएप बातचीत प्रकरण का हवाला देते हुए कांग्रेस अध्यक्ष ले कहा कि हाल ही में हमने बहुत ही परेशान करने वाली खबरें देखीं कि किस तरह से राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ समझौता किया गया है.... जो लोग दूसरों को देशभक्ति और राष्ट्रवाद का प्रमाणपत्र बांटते हैं वो अब पूरी तरह बेनकाब हो गए हैं। उन्होंने अर्थव्यवस्था की स्थिति को लेकर भी सरकार पर निशाना साधा और कहा कि सरकार निजीकरण को लेकर हड़बड़ी में है।सीडब्ल्यूसी की इस डिजिटल बैठक में पार्टी के नए अध्यक्ष के चुनाव को लेकर स्थिति स्पष्ट होने की संभावना है।  सूत्रों ने बताया कि इस बैठक में नए अध्यक्ष के चुनाव के साथ साथ किसान आंदोलन और कुछ अन्य मुद्दों पर भी चर्चा हो सकती है।  माना जा रहा है कि इस बैठक में अध्यक्ष के चुनाव को हरी झंडी दी जा सकती है और चुनाव तिथि का ऐलान भी हो सकता है। 


गौरतलब है कि पिछले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की हार के बाद राहुल गांधी ने अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद सोनिया गांधी को अंतरिम अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी गई थी।  बिहार विधानसभा चुनाव और कुछ राज्यों के उप चुनावों में कांग्रेस के निराशाजनक प्रदर्शन के बाद गुलाम नबी आजाद और कपिल सिब्बल जैसे कुछ वरिष्ठ नेताओं ने पार्टी का सक्रिय अध्यक्ष बनाए जाने की मांग से फिर उठाई। वैसे, कांग्रेस नेताओं का एक बड़ा धड़ा लंबे समय से इस बात की पैरवी कर रहा है कि राहुल गांधी को फिर से कांग्रेस की कमान संभालनी चाहिए। कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने हाल ही में कहा था कि कांग्रेस के 99.99 प्रतिशत लोग चाहते हैं कि राहुल गांधी फिर से उनका नेतृत्व करें। 

vasudha

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