Kerala Measles Outbreak: केरल में बढ़ा खसरे का खतरा, प्रशासन ने मांगी धार्मिक गुरुओं से मदद

punjabkesari.in Thursday, Dec 08, 2022 - 12:52 PM (IST)

नेशनल डेस्क: केरल के मलप्पुरम में बच्चों में खसरे के बढ़ते मामलों के बीच, अधिकारियों ने खुलासा किया है कि उत्तरी जिले में पांच साल तक की उम्र के 1.60 लाख से अधिक बच्चों ने खसरा-रूबेला (MR) टीका नहीं लगवाया है, जो वहां बच्चों की जान को जोखिम में डाल रहा है। चिंताजनक स्थिति के मद्देनजर, अधिकारियों ने वायरस के कारण होने वाली संक्रामक, गंभीर बीमारी के प्रसार को रोकने और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से टीकाकरण के खिलाफ गलत सूचना अभियानों को रोकने के लिए धार्मिक गुरुओं की मदद मांगी है।

 

टीका लगवाने आगे नहीं आ रहे लोग

जिला जन संपर्क विभाग के एक बयान में यहां बुधवार को कहा गया है, “जिले में टीकाकरण गतिविधियों को तेज किया जाएगा। जिले में पांच साल तक के बच्चों की MR टीकाकरण दर 80.84 प्रतिशत है। लक्ष्य 95 प्रतिशत तक पहुंचने का है।” इसमें कहा गया है कि जिले में पांच साल तक के 1,62,749 बच्चों ने MR का टीका नहीं लिया है। बयान में कहा गया है, “इसमें से 69,089 बच्चों को MR टीके की पहली खुराक और 93,660 बच्चों को दूसरी खुराक लेनी है।” अधिकारियों ने कहा कि जिले के 85 स्थानीय निकायों में मंगलवार (6 दिसंबर) तक खसरे के 464 मामले सामने आ चुके हैं। जिला चिकित्सा अधिकारी डॉ के रेणुका ने कहा कि एमआर टीके की दो खुराक लेने से ही खसरे को पूरी तरह से रोका जा सकता है। उन्होंने कहा कि संक्रमितों में से 90 प्रतिशत को कभी भी टीके की एक भी खुराक नहीं मिली। शेष 9% को केवल पहली खुराक मिली। 

 

जिनका हुआ वैक्सीनेशन, जल्ह हो रहे ठीक

DMO ने कहा कि दोनों खुराक प्राप्त करने वालों में से एक प्रतिशत बीमार हो गए, लेकिन जल्दी ठीक हो गए। जिले में मौजूदा स्थिति ने जिला कलेक्टर वी आर प्रेमकुमार को उपचार और टीकाकरण को लेकर जनता के बीच गलत सूचना फैलाने वालों के खिलाफ कड़ी चेतावनी जारी की है। बयान में कहा गया है, “ऐसे संदेश बिना किसी वैज्ञानिक आधार के फैलाए जाते हैं। जिला कलक्टर ने यह भी बताया कि जिला पुलिस प्रमुख को ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।” इस बीच, जिला कलेक्टर द्वारा बुलाई गई धार्मिक संगठनों के नेताओं की एक बैठक में जानलेवा बीमारी के प्रसार को रोकने के लिए टीकाकरण के महत्व के बारे में लोगों में जागरूकता पैदा करने के मकसद से एक अभियान शुरू करने का निर्णय लिया गया है।

 

उन्होंने कहा कि धार्मिक नेताओं ने मदरसों सहित पूजा स्थलों और धार्मिक संस्थानों में जाने वाले लोगों के बीच बीमारी के बारे में जागरूकता पैदा करने के लिए सभी के सहयोग की पेशकश की है। बयान में कहा है, “धार्मिक नेताओं ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से लोगों को शिक्षित करने के लिए अपने हर प्रकार के समर्थन की पेशकश की है। जिला कलेक्टर ने उन्हें सूचित किया कि सरकार का प्रयास बीमारी के कारण होने वाली मौतों को रोकना है और केवल टीकाकरण के माध्यम से ही संक्रमण और बीमारी के प्रसार को रोका जा सकता है।” कलेक्टर के कक्ष में आयोजित बैठक में विभिन्न धार्मिक संगठनों जैसे सलीम एडकारा (SYS), पीकेए लतीफ फैजी (समस्थ), अब्दुर्रहमान एम वलियांगडी (जमात ए इस्लामी) और विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया।


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Content Writer

Seema Sharma

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