इस वर्ष छह मई को खुलेंगे भगवान बद्रीनाथ के कपाट

Wednesday, Feb 01, 2017 - 08:21 PM (IST)

नई टिहरी : उत्तराखंड की ऊंची पहाडिय़ों पर स्थित हिंदुओं की आस्था के प्रतीक भगवान बद्रीनाथ के कपाट इस वर्ष छह मई को तड़के सवा चार बजे श्रद्वालुओं के लिए खुलेंगे।   भगवान विष्णु को समर्पित इस मंदिर के कपाट खोले जाने का मुहुर्त बसंत पंचमी के पावन पर्व पर नरेंद्रनगर स्थित टिहरी राजवंश के महल में निकाला गया।

फूलों से सजे राजमहल में टिहरी राजवंश के राज पुरोहित आचार्य कृष्ण प्रसाद उनियाल ने महाराजा मनुज्येंद्र शाह की कुंडली देखकर पंचाग का पूजन किया और गृह नक्षत्रों की दशा देखकर भगवान बद्रीनाथ के कपाट खुलने का मुहुर्त छह मई को प्रात: सवा चार बजे का निकाला। इस समारोह के दौरान काफी संख्या में लोग मौजूद थे।

इस मौके पर महाराजा शाह ने कहा कि बद्रीनाथ हिंदुओं का सबसे बड़ा धाम है और इसे मोक्ष धाम भी कहा जाता है। यहां जाने से मनुष्य को मोक्ष की प्राप्ति हो जाती है। इस मौके पर टिहरी सांसद और महारानी मालाराज्य लक्ष्मी शाह, बद्रीनाथ मंदिर के मुख्य पुजारी रावल ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी, बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति के मुय कार्याधिकारी बीडी सिंह समेत बहुत लोग मौजूद थे।

सर्दियों में भीषण ठंड और बर्फवारी की चपेट में रहने के कारण बद्रीनाथ समेत गढवाल के उच्च हिमालयी क्षेत्रों में स्थित सभी चारों धामों के कपाट हर साल अक्टूबर-नवंबर में श्रद्वालुओं के लिए बंद कर दिए जाते हैं जो अगले साल अप्रैल-मई में दोबारा खोले जाते हैं। अन्य दो धामों, उत्तरकाशी जिले में स्थित गंगोत्री और यमुनोत्री के कपाट इस साल अक्षय तृतीया के दिन श्रद्वालुओं के लिए खुलेंगे जबकि केदारनाथ धाम के खुलने का मुहुर्त महाशिवरात्रि के पर्व पर निकाला जाएगा।

हर साल अप्रैल-मई से अक्टूबर-नवंबर के बीच के छह माह के चार धाम यात्रा सीजन में देश विदेश से लाखों श्रद्वालु और पर्यटक इन धामों के दर्शन के लिये पहुंचते हैं और इसे गढ़वाल क्षेत्र की आर्थिकी की रीढ़ माना जाता है। 

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