निर्यात बाजार खोने के डर से मॉरीशस का भारत के साथ अहम समझौता

Monday, Jan 16, 2017 - 09:55 PM (IST)

नई दिल्ली : चीनी क्षेत्र में संकट का सामना करते हुए मॉरीशस ने विशेषकर अपने सहकारी मिलों के लिए चीनी व्यवसाय का विविधीकरण करने के संदर्भ में विशेषज्ञता हासिल करने और समर्थन प्राप्त करने के लिए दुनिया के दूसरे सबसे बड़े उत्पादक देश भारत के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किया है।

मॉरीशस को चिंता है कि अगर यूरोपीय संघ ने वर्ष 2017-18 सत्र के लिए उसके कोटे को खत्म कर दिया जो 30 वर्षो के बाद वह बड़े निर्यात बाजार को खो बैठेगा। इस आशंका के बीच चीनी की दरों में भारी गिरावट आने से मॉरीशस में चीनी क्षेत्र संकट में है। सहमति पत्र पर मॉरीशस के व्यवसाय एवं सहकारिता मंत्री सूमिलदुत भोलाह और भारत के कृषि मंत्री राधामोहन सिंह ने आज हस्ताक्षर किए।

इससे दोनों देश न केवल चीनी क्षेत्र में सहयोग कर सकेंगे बल्कि अन्य कृषि आधारित उद्योगों, मत्स्यपालन और डेयरी क्षेत्र में भी परस्पर सहयोग कर पाएंगे। मॉरीशस के मंत्री ने बैठक के बाद मीडिया को बताया, अगर यूरोपीय संघ का समझौता इस वर्ष खत्म होता है तो हम निर्यात बाजार को खो बैठेंगे।

चीनी कीमतों में पर्याप्त गिरावट आई है। किसानों को आय की प्राप्ति पर्याप्त रूप से नहीं हो रही है और वे गन्ना उगाने के प्रति उदासीन हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि वास्तव में हमारे यहां गन्ने के खेत बंजर पड़े हैं और मॉरीशस को चीनी क्षेत्र का आधुनिकीकरण करने की आवश्यकता है और किसानों को संरक्षित करने के लिए विविधीकरण की आेर जाने की आवश्यकता है।

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