सुकमा हमले को लेकर सामने आई चौंकाने वाली बात

Thursday, May 25, 2017 - 08:53 AM (IST)

रायपुर: पुलिस के सामने आत्मसमर्पण करने वाले चिंतागुफा के पूर्व सरपंच पोडियम पंडा ने सुकमा हमले के पीछे की पूरी कहानी बताई। हमले के वक्त पंडा वहां मौजूद थे। उन्होंने बताया कि कैसे नक्सलियों ने 25 सी.आर.पी.एफ. जवानों की बेरहम हत्या का जश्न 3 दिनों तक मनाया। पंडा ने बताया कि जवानों की हत्या करने के बाद ढोल-नगाड़ों के साथ जश्न मनाया गया। हमले को अंजाम देने के लिए नक्सली एक महीने से तैयारी कर रहे थे। उनका कैंप फाडिगुडा और बुरकापाल के बीच स्थित जंगल में था।

उन्होंने बताया कि 25 सी.आर.पी.एफ. जवानों की जान लेने वाले इस हमले का मास्टरमाइंड कमांडर हिदमा था। कमांडर अर्जुन नागेश इस काम में उसका साथ दे रहा था। इस हमले को अंजाम देने के लिए कुछ नक्सल नेता बाहर से आए थे। सुकमा हमले के लिए पहली रैकी 15 अप्रैल को की गई थी। 23 अप्रैल को माओवादी नेता ङ्क्षचतागुफा गांव पहुंचे और गांव वालों से समर्थन की मांग की थी। अगले दिन कुछ लोगों को बुरकापाल भेजा गया। उन लोगों ने माओवादी नेताओं को सी.आर.पी.एफ . की गतिविधियों के बारे में बताया। इसी के बाद हथियारों से लैस 400 माओवादी गांव वालों के साथ हमले के लिए निकल पड़े थे।

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