आज अंतर्राष्ट्रीय आतंकी घोषित हो सकता है मसूद अजहर, चीन पर टिकीं सबकी निगाहें

Wednesday, Mar 13, 2019 - 02:39 PM (IST)

नेशनल डेस्कः संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में बुधवार को आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद चीफ मसूद अजहर पर प्रतिबंधित लगाए जाने को लेकर केस सुना जाएगा। वहीं पूरे विश्व की निगाहें चीन पर टिकी हुई हैं क्योंकि वह इस मसले पर तीन बार पहले भी अपना विरोध दर्ज करा चुका है। चीन पर दबाव बढ़ाने के लिए अमेरिका समेत कई देशों का प्रयास जारी है। लेकिन इस संबंध में आखिरी फैसला चीन का ही होगा जिसने इससे पहले भी तीन बार मसूद को अंतर्राष्ट्रीय आतंकवादी घोषित करने के प्रयासों को विफल कर दिया था। इसपर सब की निगाहें लगी हैं कि पुलवामा हमले के मद्देनजर अंतर्राष्ट्रीय दबाव के बीच चीन इस बार क्या निर्णय लेता है जो लगातार पाकिस्तान का बचाव करता रहा है।

अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस ने मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र द्वारा वैश्विक आतंकवादी घोषित करने के लिए एक संयुक्त याचिका दायर की है। रूस ने भी मसूद अजहर पर भारत के रुख का समर्थन किया है। मसूद को आतंकी घोषित कराने और उस पर प्रतिबंध लगाने के लिए भारत दवाब बढ़ाएगा और साथ ही उसके खिलाफ सबूत भी UNSC में पेश करेगा। पठानकोट आतंकी हमले के बाद से मसूद अजहर के खिलाफ यह प्रस्ताव चौथी बार लाया गया है। पिछले सभी मामलों में चीन इस प्रस्ताव पर 'तकनीकी रोक' लगा चुका है। हालांकि इस बार भी चीन अभी मसूद पर चुप है और उसकी कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। UNSC में मसूद पर चीन के रुख पर सभी की नजरें टिकी हुई हैं।

अमेरिका ने चीन को चेताया
अमेरिका ने कहा कि जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने के लिए पर्याप्त आधार है और ऐसा नहीं किया जाना क्षेत्रीय स्थिरता एवं शांति के लिए खतरा होगा। अमेरिका ने अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित किए जाने के संबंध में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अहम निर्णय लिए जाने की पूर्व संध्या पर मंगलवार को यह बयान दिया। अमेरिका का इशारा चीन की तरफ था कि वह इसमें इस बार कोई अड़गा नहीं डालेगा। विदेश मंत्रालय के उप प्रवक्ता रॉबर्ट पलाडिनो ने दैनिक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि अजहर जैश-ए-मोहम्मद का संस्थापक और सरगना है तथा उसे संयुक्त राष्ट्र की ओर से आतंकवादी घोषित करने के लिए पर्याप्त कारण हैं। उन्होंने कहा कि जैश कई आतंकवादी हमलों में शामिल रहा है और वह क्षेत्रीय स्थिरता एवं शांति के लिए खतरा है। पलाडिनो ने कहा कि अमेरिका और भारत आतंकवाद के खिलाफ मिलकर काम कर रहे हैं।

उल्लेखनीय है कि 50 वर्षीय अजहर ने भारत में कई आतंकवादी हमले कराए हैं और वह संसद, पठानकोट वायुसेना स्टेशन, उरी तथा जम्मू-कश्मीर में कई अन्य जगह सैन्य शिविरों पर हमले और हाल में पुलवामा में सीआरपीएफ पर हुए आत्मघाती हमले का साजिशकर्ता है। पुलवामा में 14 फरवरी को हुए जैश के हमले में 40 जवान शहीद हो गए थे। इस हमले के बाद संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के तीन स्थायी सदस्यों अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस ने अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित कराने के लिए प्रस्ताव पेश किया था। इससे पहले सुरक्षा परिषद में अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित किए जाने की कई कोशिशों को पाकिस्तान का मित्र चीन बाधित कर चुका है। पुलवामा हमले के बाद वैश्विक आक्रोश के मद्देनजर अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस को उम्मीद है कि इस बार चीन समझदारी से काम लेगा और उनके कदम को बाधित नहीं करेगा। पुलवामा हमले के बाद से भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव और बढ़ गया है।

Seema Sharma

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