जम्मू कश्मीर कांग्रेस प्रमुख समेत कई नेता व कार्यकर्ता हिरासत में लिए गए

Monday, Jun 13, 2022 - 04:12 PM (IST)

जम्मू : भाजपा नीत केंद्र सरकार पर विपक्षी नेताओं के खिलाफ सरकारी एजेंसियों के दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए धरना देने और मार्च निकालने की कोशिश कर रहे जम्मू कश्मीर प्रदेश कांग्रेस समिति के प्रमुख जी.ए. मीर समेत पार्टी के कई नेताओं और कार्यकर्ताओं को यहां सोमवार को हिरासत में ले लिया गया।

यह विरोध नेशनल हेराल्ड धन शोधन मामले की जांच के सिलसिले में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को पूछताछ के लिए बुलाए जाने के खिलाफ पार्टी के राष्ट्रव्यापी प्रदर्शन के तहत किया गया।

अधिकारियों ने बताया कि मीर के नेतृत्व में सैकड़ों कांग्रेसी कार्यकर्ता शहर के बीचोबीच शहीदी चौक पर पार्टी मुख्यालय के बाहर जमा हो गए और धरना दिया तथा फिर मार्च शुरू करने लगे लेकिन पुलिस ने मुख्य रेज़ीडेंसी रोड पर बैरिकेड लगाकर उन्हें रोक दिया।

उन्होंने कहा कि जब प्रदर्शनकारियों ने पुलिस घेरा तोडऩे की कोशिश की, तो पुलिस हरकत में आई और प्रदर्शनकारियों को दो बसों में पुलिस लाइन गांधी नगर ले गई।

हिरासत में लिए गए नेताओं में प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष रमण भल्ला, पार्टी उपाध्यक्ष मुला राम, मुख्य प्रवक्ता रवींद्र शर्मा, पूर्व मंत्री शब्बीर खान और योगेश साहनी के साथ-साथ महिला कांग्रेस की अध्यक्ष इंदु पवार और युवक कांग्रेस के अध्यक्ष उदय चिब शामिल रहे।

मीर ने पुलिस द्वारा हिरासत में लिए जाने से पहले पत्रकारों से कहा,"कांग्रेस  का पूरा नेतृत्व देश भर में सड़कों पर है और हमारा मकसद ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) के दफ्तरों की ओर मार्च करना है और भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार के खिलाफ विरोध दर्ज कराना है जो केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग कर रही है।"

प्रदर्शनकारियों द्वारा भाजपा विरोधी और कांग्रेस समर्थक नारेबाजी के बीच, मीर ने आरोप लगाया कि भाजपा विपक्ष को डराने के लिए ईडी, राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) और केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) जैसी एजेंसियों का उपयोग कर रही है।

कांग्रेस नेता ने कहा,"इस सरकार की गलत नीतियों के खिलाफ बोलने वाला कोई भी व्यक्ति केंद्रीय एजेंसियों का निशाना बन जाता है। हम इस स्थिति और अलोकतांत्रिक कार्यों का विरोध कर रहे हैं।"

उन्होंने कहा कि राहुल गांधी सरकार की "गलत नीतियों" के खिलाफ बहादुरी से बोल रहे हैं और प्रवर्तन निदेशालय का उपयोग करके उन्हें जानबूझकर निशाना बनाया जा रहा है।


 

Monika Jamwal

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