LS की कार्यवाही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित, कृषि विधेयक, श्रम कानून समेत कई महत्वपूर्ण बिल हुए पास

Wednesday, Sep 23, 2020 - 08:53 PM (IST)

नई दिल्लीः 17वीं लोकसभा के मानसून सत्र की कार्यवाही कोरोना महामारी के कारण उत्पन्न असाधारण स्थिति के मद्देनजर बुधवार को निर्धारित अवधि से पहले ही अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गयी। मानसून सत्र के दौरान लोकसभा की कार्य उत्पादकता 167 प्रतिशत रही, जो अन्य सत्रों की तुलना से अधिक है। देश के संसदीय इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि सांसद ने संसद के दोनों सदनों (लोकसभा और राज्यसभा) और इनकी दीर्घाओं में बैठे।

मानसून सत्र 14 सितंबर 2020 आयोजित हुआ, इस सत्र में 10 बैठकें आयोजित की गईं। मानसून सत्र शनिवार और रविवार को बिना अवकाश के भी चलता रहा। मानसून सत्र में 37 घंटे की तुलना में 60 घंटे की कार्यवाही संपन्न हुई। इस सत्र में महत्वपूर्ण विधायी और अन्य कामों का निपटान हुआ। सत्र के दौरान 68 प्रतिशत में विधायी कार्य किए गए, बाकी 32 प्रतिशत में गैर विधायी कार्य किए गए।

मानसून सत्र में वर्ष 2020-21 की अनुदान अनुपूरक मांगों का पहला बैच और 2016-17 के लिए अतिरिक्त अनुदानों की मांग पर चर्चा 4 घंटे 38 मिनट चली। इसके बाद विनियोग विधेयक पारित किए गए। वर्तमान सत्र के दौरान 16 सरकारी विधेयक पुरुस्थापित गिए गए। 10 बैठकों में 25 विधेयक पारित हुए, इन सभी विधेयक पर चर्चा भी हुई। इस सत्र में पारित हुए कुछ महत्वपूर्ण विधेयक थे। जैसे, आवश्यक वस्तु संशोधन विधेयक 2020, कृषक उपज व्यापार वाणिज्य संबर्धन और सरलीकरण विधेयक 2020, कृषक सशक्तीकरण और संरक्षण कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार विधेयक 2020, उपजीविका जन्य सुरक्षा स्वास्थ्य और कार्य दशा संहिता 2020, औद्योगिक समन संहिता 2020 और सामाजिक संहिता 2020।

मानसूत्र सत्र में 2300 अतारांकित प्रश्नों के उत्तर दिए गए। इस सत्र में शून्यकाल में 370 लोक महत्व के मामले उठाए। 20 सितंबर 2020 को 88 सांसदों ने लोक महत्व के विषय उठाए। 15वीं लोकसभा के मुकाबले 17वीं लोकसभा में अधिक प्रश्नों के उत्तर मंत्रालयों द्वारा दिए गए। मानसून सत्र में मंत्रियों द्वारा 40 वकतव्य दिए गए। इसमें कोविड 19 महामारी, कृषि क्षेत्र में न्यूनतम समर्थन मूल्य और लद्दाख सीमा के पास घटित हो रहे घटना पर भी जवाब दिया गया।

 

Yaspal

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