मनोहर पर्रिकर: राजनीति के मिस्टर क्लीन,जिन्हें सादगी और ईमानदारी के लिए किया जाएगा याद

Sunday, Mar 17, 2019 - 09:28 PM (IST)

नई दिल्ली: गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर का लंबी बीमारी के बाद रविवार देर शाम निधन हो गया। पर्रिकर एडवांस्ड पैंक्रियाटिक कैंसर से पीड़ित थे। सीएम पर्रिकर 2018 से दिल्ली, मुंबई और अमेरिका में इलाज करा चुके थे लेकिन पिछले कई महीनों से उनके स्वास्थ्य में कोई सुधार नहीं हुआ। बीते 14 दिसंबर को वे दिल्ली एम्स से डिस्चार्ज हुए थे। हालांकि वो मुख्यमंत्री पद पर बने रहे और दफ्तर से काम निपटा रहे थे। बीमारी के हालत में भी पर्रिकर नाक में ड्रिल लगाए काम करते देखा गया था। बतौर रक्षा मंत्री रहते हुए भी उन्होंने रक्षा क्षेत्र से जुड़ें कई महत्वपूर्ण काम किए थे।

रक्षामंत्री रहते हुए पाकिस्तान में घुसकर की थी सर्जिकल स्ट्राइक
पर्रिकर के रक्षा मंत्री रहते हुए भारतीय सेना ने बड़े ऑपरेशन को अंजाम दिया था। नवंबर 2017 में भारतीय सेना ने पाकिस्तान की सीमा में घुसकर 'सर्जिकल स्ट्राइक' करते हुए कई आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया था। इस ऑपरेशन में पैरा स्पेशल फोर्स के 25 कमांडो एमआई-17 हेलिकॉप्टरों में सवार होकर पीओके में तीन किलोमीटर अंदर तक गए थे। इन्होंने दुश्मन को बड़े पैमाने पर नुकसान किया और वापस लौटे तो हमारे जवानों को खरोंच तक नहीं आई थी।इससे पहले 4 जून, 2015 को मणिपुर के चंदेल जिले में उग्रवादियों ने हमला कर सेना के 18 जवानों की जान ली थी। इसके बाद म्यांमार सीमा में भारतीय पैराकमांडो घुसे और उग्रवादियों के दो कैंप तबाह कर दिए। इस ऑपरेशन में करीब 100 उग्रवादी मारे गए। इस ऑपरेशन में 70 कमांडो शामिल थे और ऑपरेशन 40 मिनट तक चला था। वहीं सालों से लंबित पड़े पूर्व सैनिकों की वन रैंक वन पेंशन की मांग को लागू कराने में पर्रिकर ने अहम भूमिका निभाई थी। इसके साथ ही उन्होंने अगस्ता वेस्टलैंड घोटाला की जांच के आदेश भी दिए थे।

भारतीय राजनीति में मिस्टर क्लीन की छवि
मनोहर पर्रिकर भारतीय राजनीति के सबसे ईमानदार नेताओं में गिने जाते थे। मनोहर पर्रिकर स्कूटी से ही चलते थे, आम जनता के लिए उनके घर के दरवाजे हमेशा खुले रहते थे। पर्रिकर हमेशा चप्पल में ही घर से निकलते थे। मनोहर पर्रिकर ने जब अपने बेटे की शादी की तो वह बाकी राजनेताओं के लिए मिसाल बन गया। बिना किसी राजनीतिक तामझाम और सादगी की सर्वोच्चता देखने को मिली थी। भारतीय राजनीति में मनोहर पर्रिकर की पहचान 'मिस्टर क्लीन' के रूप में होती है। बेहद सरल और सामान्य जीवन जीने वाले मनोहर पर्रिकर हमेशा जनता से जुड़े रहते थे। 

IIT से ग्रेजुएशन करने वाले पहले मुख्यमंत्री
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करीबी माने जाने वाले मनोहर पर्रिकर का जन्म 13 दिसंबर 1955 के मापुसा में हुआ था। मनोहर पर्रिकर का पूरा नाम मनोहर गोपालकृष्णन प्रभु पर्रिकर है। मनोहर पर्रिकर ने 1978 में IIT मुंबई से ग्रेजुएशन किया। मनोहर पर्रिकर भारत के किसी राज्य के मुख्यमंत्री बनने वाले वह पहले व्यक्ति हैं, जिन्होंने IIT ग्रेजुएशन किया था।

IIT मुंबई ने विशिष्ट भूतपूर्व छात्र की उपाधि से किया सम्मानित
मनोहर पर्रिकर को 2001 में IIT मुंबई ने विशिष्ट भूतपूर्व छात्र की उपाधि भी प्रदान की थी। मनोहर पर्रिकर गोवा में बीजेपी के पहले मुख्यमंत्री बने थे। 1994 में मनोहर पर्रिकर गोवा की द्वितीय व्यवस्थापिका के लिए चयनित किया गया था। 24 अक्टूबर 2000 को वह गोवा के पहली बार मुख्यमंत्री बने, लेकिन सरकार 27 फरवरी 2002 तक ही चल पाई। जून 2002 में वह दोबारा विधानसभा के सदस्य बने और 5 जून 2002 को एक बार फिर गोवा के सीएम बने।

गोवा से बीजेपी का मुख्यमंत्री बनने वाले पहले नेता
मनोहर पर्रिकर गोवा के मुख्यमंत्री और रक्षा मंत्री होने से पहले उत्तर प्रदेश से राज्य सभा सांसद भी रह चुके हैं। बीजेपी से गोवा के मुख्यमंत्री बनने वाले वह पहले नेता हैं। 24 अक्टूबर 2000 को उन्होंने गोवा में मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी, लेकिन उनकी सरकार 27 फरवरी 2000 तक ही चल पाई थी। लेकिन जून 2002 में वो फिर से सभा के सदस्य बने और 5 जून 2002 को वो दोबारा सीएम पद के लिए चयनित हुए। 13 मार्च 2017 को मनोहर पर्रिकर ने गोवा के सीएम के रूप में चौथी बार शपथ ली थी। बीजेपी को गोवा की सत्ता में लाने का श्रेय उनको ही जाता है। मनोहर पर्रिकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सक्रिय प्रचारक रह चुके हैं। 

shukdev

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