मनोहर पर्रिकर ने स्वास्थ्य संबंधी मैसेज का किया खंडन, सोशल मीडिया पर हुआ वायरल
Monday, Mar 26, 2018 - 07:57 PM (IST)
नेशनल डेस्क: गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर के नाम से सोशल मीडिया पर एक मेसेज तेजी से वायरल हो रहा है। जिसमें दावा किया जा रहा है कि यह मेसेज पर्रिकर ने अस्पताल के बिस्तर से लिखा है। इस मेसेज के साथ उनकी सेहत को लेकर भी कुछ दावे किए गए हैं, जिसके बाद गोवा मुख्यमंत्री कार्यालय ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट्स पर इस मेसेज का खंडन किया है। पर्रिकर का अमेरिका में इलाज चल रहा है।
दी गई सफाईIt has been observed that many messages are floating on social media, attributing it to the CM’s authorship. Such messages are not authentic & mischievous. All messages of CM @manoharparrikar will be communicated directly by him or through his verified social media handles only.
— CMO Goa (@goacm) March 25, 2018
सीएमओ गोवा ने ट्वीट किया, 'हमारी जानकारी में आया है कि मुख्यमंत्री पर्रिकर के नाम से सोशल मीडिया पर एक मेसेज वायरल हो रहा है। उसे खुद सीएम द्वारा लिखा हुआ बताया गया है। ऐसे मेसेज पूरी तरह फर्जी हैं और शरारतपूर्ण हैं। सीएम पर्रिकर का कोई भी संदेश या तो उनके द्वारा सीधे दिया जाएगा या फिर उनके वेरिफाइड सोशल मीडिया अकाउंट्स पर।'उधर गोवा विधानसभा के स्पीकर प्रमोद सावंत ने सीएम पर्रिकर की सेहत को काफी अच्छा बताया। उन्होंने कहा कि सीएम पर्रिकर के इलाज का अगला चरण सोमवार से शुरू हो रहा है, जो तीन दिन चलेगा और दो हफ्ते बाद उन्हें अस्पताल से डिस्चार्ज किया जाएगा।
तीन सदस्यीय कमेटी देख रही है काम
पर्रिकर ने अपनी अनुपस्थिति में सरकार के कामकाज के लिए एक तीन सदस्यीय कैबिनेट पैनल का गठन किया है और खुद घर से कामकाज पर निगरानी रखते हैं। सावंत ने हमारे सहयोगी टाइम्स ऑफ इंडिया से बताया, 'मैंने उनसे बात की और उन्हें बताया है कि प्रशासन अच्छे से चल रहा है और किसी भी तरह की कोई समस्या नहीं है।' गौरतलब है कि फरवरी महीने में पर्रिकर के अस्वस्थ होने की खबर आई थी। उन्हें मुंबई के लीलावती अस्पताल में भर्ती कराया गया था। बाद में उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई थी और 21 फरवरी को उन्होंने गोवा का बजट भी पेश किया। कुछ दिन घर पर बिताने के बाद उन्हें गोवा मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया। 5 मार्च को उन्हें फिर से लीलावती अस्पताल ले जाया गया, जहां बाद में डॉक्टरों की सलाह पर उन्हें अमेरिका ले जाया गया।